कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सरकार ने जीएसटी  रिटर्न दाखिल करने में देर होने पर लगने वाली लेट फीस माफ कर दी है. शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के बीच जीरो टैक्स देनदारी वाली रजिस्टर्ड इकाइयों को लेट से रिटर्न फाइल करने पर कोई लेट फीस नहीं देनी होगी.


वित्त मंत्री ने कहा कि दूसरी इकाइयों के लिए जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगने वाली फीस को घटा कर 500 रुपये कर दिया गया है.इसके अलावा जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक के लिए जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल न करने वालों के लिए अधिकतम लेट फीस 500 रुपये रखी गई है. 1 जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2020 तक फाइल किए जाने वाले रिटर्न पर यह नियम लागू होगा.


सरकार फरवरी 2020 से मई 2020 तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल करने के लिए पहले ही लेट फीस माफ कर चुकी है. फिलहाल हर रोज 50 रुपये  या फिर जिन्होंने छह महीने से जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर दस हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है.


एसएमएस से नील रिटर्न भरने की सुविधा


जीएसटी कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए सरकार ने फॉर्म GSTR-3B में NIL जीएसटी मंथली रिटर्न भरने की सुविधा एसएमएस से दे दी है. इससे 22 लाख रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स को फायदा होगा. अभी उन्हें कॉमन पोर्टल पर अपने अकाउंट में लॉग-इन करना पड़ता है और फिर हर महीने रिटर्न फाइल करना पड़ता है. रिटर्न नहीं भरने की स्थिति में कारोबारियों पर लेट फीस लगाई जाती है.


अब जिन जीएसटी पेयर्स की कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती वे सिर्फ एसएमएस की जरिये रिटर्न भर सकते हैं. अधिकारियों के मताबिक जीएसटीएन पोर्टल पर NIL FORM GSTR-3B तुरंत प्रभाव से उपलब्ध करा दिया गया है.