नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार आगामी एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के तय कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कंपनियों का यह बहाना नहीं चलेगा कि वे इसके लिए तैयारी नहीं कर पाई है क्योंकि उन्हें इसके के लिए पर्याप्त समय दिया गया है.


वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि जीएसटी के क्रियान्य्वन से शुरू में कुछ तकनीकी अड़चने आ सकती हैं क्योंकि व्यापारियों और छोटी से छोटी इकाइयों को जीएसटी रिटर्न ऑनलाइन फाइल करना होगा. जीएसटी एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्यस्तरीय शुल्कों को एकीकृत कर पूरे देश में एकल बाजार बनाएगा करेगा.


शुरुआत में जीएसटी को एक अप्रैल से लागू किया जाना था लेकिन इसे तीन महीने के लिये टाल दिया गया. इसकी शुरूआत 30 जून की आधी रात को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में की जाएगी.


जेटली ने कहा कि जीएसटी से आने वाले समय में केंद्र और राज्यों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इससे जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जेटली ने आगे कहा कि जब भी यह बदलाव होगा, हमें उसके लिये तैयार रहना चाहिए. थोड़े समय के लिए कुछ चुनौतियां हैं..सुधार का यह कदम बेहतरी के लिए है.


जेटली ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्रीय उत्पाद टैक्स, सर्विस टैक्स और राज्यों में वैट में पहले से पंजीकृत इकाइयों का जीएसटी प्रणाली में पंजीकरण का काम अच्छे तरीके से जारी है.


वित्त मंत्री ने कहा, ''यह बहुत जटिल प्रक्रिया नहीं है. जीएसटी टैक्स चोरी रोकेगा और लंबे वक्त में टैक्स पेयर्स की संख्या बढ़ेगी.'' उन्होंने कहा कि कुल 65 लाख टैक्स पेयर्स पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं और भी जुड़ने की उम्मीद है. 65 लाख ने जो रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हें कोई समस्या नहीं हुई, जिन पांच को समस्या का सामना करना पड़ा, वे ट्विटर पर हैं.''


कुछ छोटी संख्या में लोगों के यह कहने पर कि कंपनियां तैयार नहीं है, जीएसटी के क्रियान्यवयन को टाले जाने को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि जब सुधारों को क्रियान्तवित किया जाता है तो पहला सिद्धांत है यह है कि आपको पीछे नहीं हटना चाहिए, यदि आप पीछे होंगे तो पटरी से उतर जाएंगे.


जेटली ने कहा कि हम पिछले छह महीने से कह रहे हैं कि तारीख एक जुलाई है. अब किसी के भी कहने का कोई मतलब नहीं है कि कंपनियां तैयार नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही शुरुआती रिटर्न फाइल करने के लिए तारीख में छूट दे चुकी है. इसके साथ ही व्यापारियों और कंपनियों के पास 5 सितंबर तक का समय है जबकि पहले पहले यह समयसीमा 10 अगस्त थी.