Telecom Infra Companies in India : देश में टेलीकॉम नेटवर्क (Telecom Network) से जुडी कंपनियों ने आने वाली 5-जी सर्विसेज देने के लिए खुद को और मजबूत बनाने के प्रयास शुरू कर दिए है. वही केंद्र सरकार ने भी इन कंपनियों के लिए आसान रस्ते तैयार कर दिए है. आपको बता दे कि सरकार ने टेलीकॉम नेटवर्क की कंपनी से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिए है. जिसके बाद अब प्राइवेट संपत्ति पर मोबाइल टॉवर लगाने, खंभे लगाने या केबल बिछाने के लिए अब टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी विभाग से मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है.

कोई मंजूरी नहीं टेलीकॉम कंपनी अगर किसी निजी संपत्ति पर मोबाइल टॉवर लगाना चाहती है, या केबल बिछाना चाहती है तो उसे अथॉरिटी से मंजूरी लेनी की कोई जरूरत नहीं है. इंडियन टेलीग्राफ राइट ऑफ वे (एमेंडमेंट) नियम -2022 के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को लिखित में इसकी सूचना जरूर देनी होगी. 

ये सर्टिफिकेट देना जरूर ये सूचना मोबाइल टॉवर या पोल लगाने के पहले देनी होगी. इसमें टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल टॉवर या पोल लगाने वाली बिल्डिंग या जगह के बारे में जानकारी देनी होगी. अधिकृत स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा हासिल सर्टिफिकेट की एक कॉपी टावर लगवाने वालो के पास होनी चाहिए. सर्टिफिकेट कॉपी में बिल्डिंग या स्ट्रक्चर की स्ट्रक्चरल सेफ्टी प्रमाणित होना भी जरूरी है.

देनी होगी फीससरकारी अधिसूचना के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को शहरी इलाकों में प्रति स्ट्रीट फर्नीचर लगाने पर 300 रुपये सालाना और गांवों में 150 रुपये सालाना शुल्क देना होगा. स्ट्रीट फर्नीचर के जरिए केबल लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को प्रति स्ट्रीट फर्नीचर 100 रुपये सालाना शुल्क चुकाना होगा.

किसे होगा फायदा केंद्र सरकार के इस फैसले से टेलीकॉम नेटवर्क में 5-जी सर्विसेज को मजबूती मिलेगी. इसमें इलेक्ट्रिक पोल्स, फुट ओवर ब्रिजेज पर छोटे मोबाइल रेडियो एंटीना या ऊपर टेलीकॉम केबल लगाने से जुड़े नियमों को अधिसूचित कर दिया है. 

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