देश में राजमार्गों का सफर आने वाले दिनों में और बेहतर होने वाला है. इसके लिए एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने खास योजनाएं तैयार की हैं, जो राजमार्गों के रंग-रूप को बदल देंगी और सफर करने वालों के लिए अनुभव को बेहतर बनाएंगी.


राजमार्गों के डिजाइन में होगा शामिल


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की योजना है कि अगले पांच साल में देश के राजमार्गों के किनारे 1 हजार वे-साइड अमेनिटीज बनाई जाएं. उनमें हाईवे विलेज और हाईवे नेस्ट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी. इसके लिए एनएचएआई राजमार्गों के डिजाइन में ही वे-साइड अमेनिटीज को शामिल करने की तैयारी कर रहा है.


इस तरह से डेवलप करने की योजना


पहले राजमार्गों के किनारे 600 एमेनिटीज बनाने की योजना थी. अब इसे बढ़ाकर 1 हजार किया जा रहा है. ये अमेनिटीज पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाई जाएंगी. एनएचएआई इनके लिए जमीन मुहैया कराएगा और सभी जरूरी मंजूरियों का बंदोबस्त करेगा. प्राइवेट सेक्टर अमेनिटीज को तैयार करेगा और उन्हें 15 से 30 साल तक मैनेज व ऑपरेट करेगा.


हर 50 किलोमीटर पर होगा निर्माण


एनएचएआई के अनुसार, राजमार्गों के किनारे जिन 1 हजार अमेनिटीज को बनाने की योजना है, उनमें से 800 पीपीपी बेस्ड होंगी. ये अमेनिटीज हर 50 किलोमीटर पर बनाई जाएंगी. जहां 5 एकड़ से ज्यादा जमीन उपलब्ध होगी, वहां हाईवे विलेज बनाए जाएंगे. 5 एकड़ से कम जमीन उपलब्ध होने पर हाईवे नेस्ट का डेवलपमेंट किया जाएगा.


इस तरह से किया जाएगा इस्तेमाल


एनएचएआई की यह तैयारी ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवेज के लिए है. इन अमेनिटीज का इस्तेमाल ड्रोन लैंड करने, हेलीपैड बनाने और रिटेल आउटलेट खोलने में किया जाएगा. रिटेल आउटलेट में स्थानीय हस्तशिल्प से लेकर किसानों के ताजे उत्पाद तक बेचे जाएंगे. इनके लिए जमीन अधिग्रहण का काम राजमार्गों के जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ कर लिया जाएगा. एनएचएआई का मानना है कि हर 50 किलोमीटर पर अमेनिटीज बनाने की यह योजना राजमार्गों से सफर करने वाले लोगों के लिए यात्रा के अनुभव को काफी बेहतर बनाने में मददगार साबित होंगी. अभी एक्सप्रेसवे पर इस तरह की सुविधाएं आम तौर पर पेट्रोल पंपों के साथ मिलती हैं.


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