Labor Law: केंद्र की मोदी सरकार की योजना है कि 1 जुलाई से देश में नया लेबर कोड लागू कर दिया जाए. अगर ऐसा हो जाता है तो 1 जुलाई से आपके काम के घंटे 8-9 नहीं बल्कि 12 घंटे हो सकते हैं. हालांकि ऐसा होने पर हफ्ते में 3 दिन छुट्टी भी मिलेगी. योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मोदी सरकार की योजना जुलाई में ही इन्हें लागू करने की है.


जानें क्या हो सकता है नए नियमों में
नए ड्राफ्ट रूल के मुताबिक कंपनियों के पास राइट होगा कि वो काम के घंटों को बढ़ाकर 1 दिन में 12 घंटे कर सकेंगी, हालांकि इस स्थिति में उन्हें एंप्लाई को हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी भी देनी पड़ेगी. एंप्लाई को हफ्ते में चार दिन 12 घंटे के हिसाब से यानी 48 घंटे काम करना होगा.


सैलरी को लेकर क्या बदलाव आएंगे
नया लेबर कोड आने के बाद कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव आएगा. उनकी बैसिक सैलरी कुल सैलरी की 50 फीसदी या इससे ज्यादा होनी चाहिए. इसके तहत बेसिक सैलरी बढ़ने पर पीएफ के मद में जानी वाली रकम और ग्रेच्युटी का पैसा ज्यादा बनेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पीएफ का पैसा बेसिक सैलरी के आधार पर होता है और पीएफ बढ़ने पर आपकी टेक-होम सैलरी या हर महीने हाथ में आने वाली एक्चुएल रकम कम हो जाएगी. वहीं पीएफ के खाते में ज्यादा रकम आएगी.


रिटायरमेंट को लेकर क्या बदलाव आएंगे
नया लेबर कोड आने के बाद रिटायरमेंट के लिए एंप्लाई के पास ज्यादा पैसा बचेगा क्योंकि उनका पीएफ और ग्रेच्युटी के मद में जाने वाला पैसा बढ़ेगा. हालांकि इससे कंपनियों की लागत में भी चेंज आएगा क्योंकि वो कर्मचारियों के पीएफ के आधार पर ज्यादा योगदान देंगी और उनका दिया जाने वाला हिस्सा भी बढ़ेगा. 


हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है पर मीडिया रिपोर्ट्स में चौतरफा इस बात के चर्चे हैं कि आने वाले 1 जुलाई से लेबर कोड के प्रस्तावित चारों नए नियम लागू हो जाएंगे. 


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