New Company Registration Rules: अपनी कंपनी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने की प्लानिंग (Company Registration) कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. भारत सरकार (Government of India) जल्द ही कंपनी रजिस्ट्रेशन के नियमों (Company Registration Rules) में बड़ा बदलाव करने वाली है. ऐसे में अब लोगों को कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए 50 पेज का फॉर्म भरने के बजाय सॉफ्टवेयर के जरिए फॉर्म फिल करना होगा. अब इस काम के लिए मैनुअल तरीके बजाय वेब-आधारित फाइलिंग का सिस्टम (Web Based Company Registration System) तैयार किया जा रहा है. सरकार अलगे महीने यानी दिसंबर 2022 से इस सुविधा को शुरू कर देगी. इस नए सिस्टम में कंपनी के हर जानकारी दर्ज करने के लिए कॉलम दिया जाएगा. कंपनी की हर जानकारी जैसे रजिस्ट्रेशन ऑफिस, कंपनी के डायरेक्टर का नाम, बिजनेस संबंधित सभी डिटेल्स इस डिजिटल फॉर्म में दर्ज करनी होगी.


रजिस्ट्रेशन के पुराने सिस्टम का क्या होगा?
लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार कंपनी रजिस्ट्रेशन के सिस्टम के बदलाव के दौरान सभी नए आवेदकों को इसकी जानकारी दी जाएगी. इसके साथ इस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ट्रांसफर के दौरान कुछ देर के लिए नए कंपनी के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई को रोक दिया जाएगा. वहीं जिन लोगों का काम सिस्टम ट्रांसफर करने के कारण रुक गया है ऐसे लोगों को अपना काम पूरा करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया जाएगा. इससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.


सरकार जारी करेगी सार्वजनिक नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्रालय सिस्टम में बदलाव करने से पहले एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेगी. इसके बाद मौजूदा फॉर्म को निलंबित कर दिया जाएगा. इसके अलावा जिन लोगों को कंपनी रजिस्ट्रेशन का काम अभी प्रोग्रेस में हैं उन्हें सरकार द्वारा नए सिस्टम को अपनाने के लिए पूरा समय दिया जाएगा. इससे लोगों को नुकसान नहीं होगा.


सिस्टम से रजिस्ट्रेशन का काम होगा आसान
आपको बता दें कि सरकार कि यह कोशिश है कि नए कंपनी के रजिस्ट्रेशन के काम में तेजी आए. पहले के सिस्टम में सभी काम मैनुअल तरीके से होता था. ऐसे में कंपनी का पंजीकरण कराने में लंबा वक्त लगता था. ऐसे में सरकार इस काम में तेजी लाने के लिए आईटी की मदद ले रही है और इसके लिए डिजिटल सिस्टम (Company Registration Digital System) तैयार कर रही है. इस नए सिस्टम में सॉफ्टवेयर को इस तरीके का बनाया जाएगा जिससे अगर कोई व्यक्ति कोई गलत जानकारी फील करता है तो उसे शुरुआती दौर में ही ढूंढ लिया जाएगा. इसके साथ डिजिटल सिस्टम से होनी वाली कंपनी अनियमितता को ढूंढना आसान होगा. 


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