Income Tax Update: मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 160 फीसदी का उछाल आया है. वित्त वर्ष 2013-14 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6,38,596 करोड़ रुपये रहा था जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये हो गया है. जबकि ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 173.31 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. 


सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने वित्त वर्ष 2022-23 तक टैक्स वसूली का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक 2013-14 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6,38,596 करोड़ रुपये रहा था जो अगले 9 वर्षों में वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2013-14 में 7,21,604 करोड़ रुपये रहा था जो 173.31 फीसदी के उछाल के साथ 19,72,248 करोड़ रुपये रहा है. 






सीबीडीटी ने बताया कि 2013-14 में देश में टैक्स टू जीडीपी रेश्यो (Tax To GDP Ratio)  2013-14 में 5.62 फीसदी था जो 2022-23 में बढ़कर 6.11 फीसदी रहा है. वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 3.80 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया गया था जिसकी संख्या में 104.91 फीसदी का उछाल आया है और ये 2022-23 में बढ़कर 7.78 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.  


वैसे एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 दिसंबर 2023 तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 8.18 करोड़ हो गई है जो इसके पिछले एसेसमेंट ईयर में 7.51 करोड़ रहा था. 2023-24 एसेसमेंट ईयर में 9 फीसदी ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल किया गया है.  इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए एआईएस और टीआईएस की सुविधा शुरू किए जाने के बाद टैक्सपेयर्स की तादाद बढ़ी है. 


सीबीडीटी के मुताबिक 2013-14 में कुल 5,26,44,496 टैक्सपेयर्स थे जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 9,37,76,869 हो गई है. डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2013-14 में कॉस्ट ऑफ कलेक्शन कुल कलेक्शन का 0.57 फीसदी था जो 2-22-23 में घटकर 0.51 फीसदी रह गया है.  


ये भी पढ़ें 


सरकार ने सोने-चांदी के इंपोर्ट पर बढ़ाई ड्यूटी, जानें सोने की कीमतों पर क्‍या होगा असर