Net Direct Tax Collections: सरकार का चालू वित्त वर्ष में अब तक नेट डायरेक्ट कलेक्शन 10.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है. कंपनियों से एडवांस टैक्स कलेक्शन बढ़ने और रिफंड धीमा होने के कारण टैक्स कलेक्शन में मजबूती आई है.
नेट डायरेक्ट कलेक्शन में व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं. 1 अप्रैल से 17 सितंबर तक रिफंड राशि 24 प्रतिशत घटकर 1.61 लाख करोड़ रुपये रही. कंपनियों से प्राप्त एडवांस टैक्स कलेक्शन 6.11% बढ़कर 3.52 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं नॉन कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 7.30 प्रतिशत कम होकर 96,784 करोड़ रुपये रहा.
कॉर्पोरेट और नॉन कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन
नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 1 अप्रैल से 17 सितंबर के बीच बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपये हो गया. (2024 की इसी अवधि में यह 4.50 लाख करोड़ रुपये था.) नॉन कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन अब तक लगभग 5.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 5.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. नॉन कॉर्पोरेट टैक्स में व्यक्ति और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) शामिल होते हैं.
एसटीटी और कुल टैक्स कलेक्शन
प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) कलेक्शन: 26,306 करोड़ रुपये(पिछले वर्ष इसी अवधि में 26,154 करोड़ रुपये)
नेट डायरेक्ट कलेक्शन: 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये(पिछले वर्ष 9.91 लाख करोड़ रुपये)
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह: 12.43 लाख करोड़ रुपये(3.39 प्रतिशत की सालाना वृद्धि)
सरकार का लक्ष्य
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट 25.20 लाख करोड़ रुपये रखा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है. साथ ही इस फाइनेंशियल ईयर में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. दूसरी ओर, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST में हाल में किए गए रिफॉर्म से इकोनॉमी में 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे और इससे सभी क्षेत्रों में जबरदस्त डिमांड बढ़ेगी.
उन्होंने आगे कहा कि दरों में कटौती का GST काउंसिल का फैसला इसलिए संभव हुआ क्योंकि राज्य सहयोग की भावना से एक साथ आए. जीएसटी में कोई देने-लेने वाला मॉडल नहीं है. अगर राजस्व कम होता है, तो केंद्र भी उतना ही वहन करता है.
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