एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने सिटी नेटवर्क्स के बैंकरप्सी मामले की सुनवाई 3 अप्रैल तक के लिए रोक दी है. केबल टीवी डिस्ट्रिब्यूटर कंपनी सिटी नेटवर्क्स अभी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन की प्रक्रिया से गुजर रही है.


साल भर पहले शुरू हुई प्रक्रिया


सिटी नेटवर्क्स की दिवाला प्रक्रिया की शुरुआत फरवरी 2023 में हुई थी. तब रोहित मेहरा को प्रक्रिया के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल चुना गया था. उसके बाद पिछले साल मार्च में भी दिवाला प्रक्रिया पर रोक लग गई थी. उस समय एनसीएलएटी ने प्रक्रिया पर रोक लगाई थी, जिसे कुछ महीने बीतने के बाद अगस्त 2023 में फिर से बहाल किया गया था.


सस्पेंडेड बोर्ड से मिला अप्लिकेशन


एनसीएलटी की मुंबई बेंच को कुछ दिनों पहले कंपनी के सस्पेंडेड बोर्ड से एक अप्लिकेशन मिला था, जिसमें रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के द्वारा सेट की गई तारीखों का विरोध किया गया है. अप्लिकेशन पर सुनवाई अभी 3 अप्रैल तक के लिए रोक दी गई है. एनसीएलटी ने कहा कि मामले के संबंध में कई अप्लिकेशन पेंडिंग हैं. ऐसे में पेंडिंग अप्लिकेशंस पर ट्रिब्यूनल के अंतिम ऑर्डर के बाद ही कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स का कोई निर्णय प्रभावी होगा.


कंपनी के ऊपर इतनी उधारी


सिटी नेटवर्क्स के ऊपर अभी 1,800 करोड़ रुपये के बकाये हैं. कंपनी ने 20 मार्च तक 1,800 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा के दावों को स्वीकार किया है. उनमें 1,129 करोड़ रुपये के दावे फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के हैं, जबकि 694 करोड़ रुपये के मामले ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के हैं.


सिटी नेटवर्क्स के क्रेडिटर्स


कंपनी के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स में जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (148 करोड़ रुपये), एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया (339 करोड़ रुपये), एक्सिस बैंक (223 करोड़ रुपये), आदित्य बिड़ला फाइनेंस (166 करोड़ रुपये) और आईडीबीआई बैंक (151 करोड़ रुपये) शामिल हैं. वहीं टॉप ऑपरेशनल क्रेडिटर्स में जी एंटरटेनमेंट (482 करोड़ रुपये), कलकत्ता कम्युनिकेशन (83 करोड़ रुपये), स्टार इंडिया (49 करोड़ रुपये), टीवी18 ब्रॉडकास्ट (29 करोड़ रुपये) और सोनी के स्वामित्व वाले कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (13 करोड़ रुपये) शामिल हैं.


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