बैंकों से हर किसी को काम पड़ता है और कई बार लोगों को निराशा का सामना करना पड़ता है. ग्राहक कई बार बैंकों की खराब सर्विस से परेशान हो जाते हैं. खूब संभव है, आपको भी कभी न कभी बैंकों में परेशानी हुई होगी. एक ऐसे ही मामले में सरकारी क्षेत्र के केनरा बैंक को लाखों रुपये के हर्जाने का भुगतान करना पड़ रहा है.


9 लाख रुपये से ज्यादा हर्जाना


इस मामले में नेशनल कंज्युमर डिस्पुट्स रिड्रेसल कमिशन यानी एनसीडीआरसी ने केनरा बैंक को हर्जाने का भुगतान करने के लिए कहा है. एनसीडीआरसी का कहना है कि संबंधित मामले में केनरा बैंक ने ग्राहक को सही से सर्विस नहीं दी और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज को अपनाया. जिसके चलते अब केनरा बैंक ग्राहक को 9.09 लाख रुपये का हर्जाना देने का उत्तरदायी है.


ग्राहक की इस सर्विस का मामला


यह मामला जुड़ा है 95 साल के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) ग्राहक स्वर्ण सिंह सग्गु से. एनसीडीआरसी के आदेश के अनुसार, स्वर्ण सिंह ने केनरा बैंक में एक फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट अकाउंट खुलवाकर एफडी कराई थी. एफसीएनआर अकाउंट में जमा रकम निर्दिष्ट तिथि के हिसाब से मैच्योर होने वाली थी. ग्राहक अपने एफसीएनआर डिपॉजिट को इनकैश कराना चाहते थे और रकम को अपने ब्रिटेन स्थित बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते थे. इसके लिए जो भी डिटेल की जरूरत थी, उन्होंने बैंक को प्रोवाइड करा दिया था.


बैंक ने यहां की गड़बड़ी


हालांकि बैंक ग्राहक के द्वारा बार-बार अनुरोध करने और विजिट करने के बाद भी पैसे को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में देरी करता रहा. बैंक ऑरिजिनल फाइल को लोकेट नहीं कर पाने का दावा कर रहा था. एनसीडीआरसी ने कहा कि बैंक ने देरी करने के लिए जो कारण दिया, वह अनुचित मालूम पड़ता है और ऐसा लगता है कि उसने एनआरआई ग्राहक के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं किया.


हाई कोर्ट को देना पड़ा दखल


आदेश में आगे बताया गया है कि केनरा बैंक ने एनआरआई ग्राहक को बिना बताए एफसीएनआर डिपॉजिट को इनकैश कर दिया. ग्राहक को बैंक की ओर से जरूरी सूचनाएं भी नहीं दी गईं. बाद में केनरा बैंक ने एनआरआई के भारत स्थित दूसरे खाते में तब तक पैसे को ट्रांसफर नहीं किया, जब तक कि हाई कोर्ट ने उसे इसके लिए आदेश नहीं दिया.


एनसीडीआरसी ने बढ़ा दी रकम


ग्राहक ने उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के तहत केनरा बैंक के खिलाफ मामला दर्ज कराया. एनसीडीआरसी से पहले स्टेट कंज्युमर कमिशन ने भी ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाया था और बैंक को नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा था. स्टेट कमिशन ने बैंक को 5,09,288 रुपये का हर्जाना भरने के लिए कहा था. एनसीडीआरसी ने हर्जाने की रकम को बढ़ाकर 5.09 लाख रुपये कर दिया.


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