National Pension System: रिटायरमेंट के बाद अधिक फंड के लिए अगर आप निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं, तो नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) एक अच्छा विकल्प है. इसमें निवेश करके आप फंड जमा करने के साथ ही हर महीने पेंशन का भी लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में पेंशन की रकम (Pension) आपके निवेश पर निर्भर होगी, जितनी अधिक निवेश की रकम, उतना ही अधिक फंड और मंथली पेंशन भी ज्यादा मिलेगा. एनपीएस से (NPS)  भारत का कोई भी 18 से 70 साल के बीच का नागरिक जुड़ सकता है. 


NPS एक ऐसी योजना है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम में लाखों का पेंशन पाने के लिए अधिक रकम या फिर लंबे समय तक निवेश किया जा सकता है. अगर आप भी NPS में निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं या फिर निवेश का कर रहे हैं, तो इसके कुछ आवश्यक नियमों के बारे में जानना जरूरी है. 


NPS से जुड़े खास नियम 
- पहले निवेश की आयु अधिकतम 65 साल थी, लेकिन अब यह 18 से 65 साल हो चुकी है. 
- एनपीएस से निकासी की प्रक्रिया अब सरल हो चुकी है, जिसमें 5 लाख या उससे कम की राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. 
- 65 साल के बाद इक्विटी में 50ः तक एलोकेशन करा सकते हैं. 
- 3 साल से पहले निकासी प्री-मैच्योर एग्जिट होगी, जिसके तहत 80 फीसदी तक एन्युटी राशि दी जाती है. 
- 2.5 लाख रुपये तक की कम राशि है, तो आप प्री-मैच्योर एग्जिट के तहत पूरी राशि निकाल सकते हैं. 


NPS के तहत खोले जाते हैं दो अकाउंट
नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत दो अकाउंट टियर 1 और टियर 2 खोले जाते हैं. टियर 1 के तहत पेंशन अकाउंट ओपेन किए जाते हैं, तो वहीं टियर 2 के तहत वाॅलेंटरी सेविंग अकाउंट होता है. टियर 1 के तहत कोई भी अकाउंट ओपेन कर सकता है, तो वहीं टियर 2 के तहत वही अकाउंट ओपेन कर सकता है, जिसका टियर 1 अकाउंट पहले से ही हो. 


एनपीएस के तहत टैक्स छूट 
एनपीएस अकाउंट के तहत टैक्स छूट भी दिया जाता है,  इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सीसीडी के तहत 50 हजार रुपये और सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. वहीं इसकी मैच्योरिटी पूरा होने पर फायदा नहीं दिया जाता है.