National Milk Day 2022:  भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्मदिन 26 नवंबर को पड़ता है. इस दिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है. डॉ. वर्गीज कुरियन ने भारत में दूध उत्पादन को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभाई थी. उनका जन्‍म केरल के कोझिकोड़ में साल 1921 में हुआ था. नेशनल डेयरी एसोसिएशन (National Dairy Development) ने साल 2014 से वर्गीज कुरियन के जन्मदिवस को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाने का फैसला किया था.डॉ. वर्गीज कुरियन (Verghese Kurien) ने भारत में 'ऑपरेशन फ्लड' (Operation Flood) की की शुरुआत की थी.


उनके इस खास ऑपरेशन के कारण भारत दुनिया में दूध उत्पादन के मामले में सबसे बड़ा देश बनकर उभरा. इस प्रोग्राम के जरिए भारत के डेयरी डेवलपमेंट (Dairy Development) को नई उड़ान मिली. इससे यह दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया था. इसके साथ ही देश में मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी अमूल की शुरुआत भी डॉ. कुरियन ने ही की थी. आइए हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं.


जानें कैसे हुई थी अमूल की शुरुआत
देश में दूध उत्पादन करने वाली बड़ी कंपनियों ने से एक अमीर की स्थापना डॉ. वर्गीज कुरियन (Dr. Verghese Kurien) ने की थी. उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री चेन्नई के लोयला कॉलेज से ली थी. इसके बाद फिर चेन्नई के जीसी इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने इंजीनियरिंग का डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह गुजरात के कैरा जिले में सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (KDCMPUL) में डेयरी काम काम संभाला. यह पद उन्होंने त्रिभुवन दास के कहने पर संभाला था. इस डेयरी की स्थापना वल्लभभाई पटेल ने की थी. उनके पद संभालने के बाद ही यह डेयरी तेजी से बढ़ने लगी. इसके बाद दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए इस डेयरी में एक दूध का प्लांट लगाया गया. इसके बाद में डॉ. कुरियन ने इस डेयरी का नाम अमूल रख दिया. एक समय आया जब यह ब्रांड भारत के घर-घर में पहचाना जाने लगा.


इस तरह भारत में शुरू हुई श्वेत क्रांति-
साल 1965 में भारत में ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत डॉ. वर्गीज कुरियन की अध्यक्षता में किया गया. अमूल की सफलता के बाद साल 1965 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री डॉ. कुरियन को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) का अध्यक्ष बना दिया. डॉ. कुरियन के प्रयासों के कारण भारत में सफेद क्रांति शुरू हो गई. इसके बाद में 'ऑपरेशन फ्लड' का नाम दिया गया. साल 1998 में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया. साल 2010-11 में भारत में पूरी दुनिया का कुल 17 फीसदी दूध का उत्पादन होता है. डॉ. कुरियन ने देशभर के 700 गांव, शहरों को इस दूध क्रांति से जोड़ने का काम किया.


साल 2006 में दिया अपने पद से इस्तीफा
डॉ. कुरियन साल 1973 से 2006 तक गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष बने रहे हैं. भारत में दूध की क्रांति लाने के बाद साल 2006 में डॉ. वर्गीस कुरियन ने गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) से इस्तीफा दे दिया. साल 2012 में डॉ. वर्गीज कुरियन की 90 साल के उम्र में निधन हो गया.


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