Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 मासूम पर्यटकों को निशाना बनाया, तो 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत जवाबी कार्रवाई कर भारत ने भी इसका बदला ले लिया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के नौ ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने चीन और तुर्की के भेजे ड्रोन, मिसाइलों को रक्षा कवच बनाकर भारत पर हमले के प्रयास किए, लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी. 

कंपनी के शेयर ने लगाई लंबी छलांग

सरकार की तरफ से जानकारी दी गई कि पाकिस्तान को मजा चखाने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के वक्त नागास्त्र ड्रोन का इस्तेमाल किया था. इसके चलते आज गिरावट के बीच भी कंपनी के शेयर बुलंदियों को छू रहे हैं. नागास्त्र ड्रोन को नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज (Solar Industries) और बेंगलुरु के ZMotion ने बनाया है. 

16 मई को सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया के शेयर में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 0.98 परसेंट की बढ़त देखने को मिली. कंपनी के शेयर 14,014.50 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया 14,340.00 और 13,877.90 के प्राइस रेंज में कारोबार कर रहा है. सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया ने इस साल 43.36 परसेंट और पिछले 5 दिनों में 3.99 परसेंट का रिटर्न दिया है. टेक्नीकल टर्म पर, सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया का RSI 70.01 पर है, जिससे पता चलता है कि स्टॉक का कारोबार ओवरओवरबॉट जोन में हो रहा है. 

सीमा में घुसकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाता

बता दें कि नागास्त्र 'मेड इन इंडिया' मैन-पोर्टेबल सुसाइड ड्रोन है. सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को निशाना बनाने में इसका कोई जवाब नहीं है. यटरिंग म्युनिशन वेपन की कैटेगरी में रखा गया यह ड्रोन हवा में मंडराते हुए अपने टारगेट पर सही निशाना मारता है. टारगेट के मिलते ही यह उस पर क्रैश हो जाता है, जिससे दुश्मन पूरी तरह से तबाह हो जाता है. इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह जवानों के जान को खतरे में डाले बिना दुश्मन के लॉन्च पैड या कैंप पर हमला बोल देता है.

चुपचाप जाकर दुश्मनों को बनाता निशाना

यह एक साइलेंट किलर है यानी कि इसमें आवाज बहुत ही कम या न के बराबर होता है. इसमें मौजूद पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म इसकी एक और खासियत है, जो मिशन में किसी वजह से नाकाम होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है. इसके चलते उन्हें दोबारा भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. बता दें कि भारतीय सेना ने कंपनी को 480 नागास्त्र ड्रोन बनाने के ऑर्डर दिए हैं और बीते साल जून के महीने में 120 ड्रोन्स का पहला बैच मिल चुका है. 

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