बर्गर किंग के बाद अब मिसेज बेक्टर फूड स्पेशलिटीज के आईपीओ को भी शानदार रेस्पॉन्स मिला है. इस आईपीओ के पहले दिन लगभग 4 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. आईपीओ ने 1.3 करोड़ इक्विटी शेयरों की पेशकश की है लेकिन इसे पहले ही दिन 4.9 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन मिले. कंपनी ने एंकर निवेशकों से 162 करोड़ रुपये जुटाए हैं.


रिटेल निवेशकों ने दिखाई आईपीओ में खासी दिलचस्पी


रिटेल निवेशकों ने इस आईपीओ में खासी दिलचस्पी दिखाई. रिटेल निवेशकों के लिए आईपीओ का जो हिस्सा निर्धारित था वह 6.8 गुना सब्सक्राइव हुआ. कर्मचारियों के लिए निर्धारत हिस्सा 9.5 गुना निर्धारित हुआ. गैर संस्थागत निवेशकों वाला हिस्सा 1.37 गुना और संस्थागत निवेशकों वाला हिस्सा 1.1 फीसदी सब्सक्राइव हुआ. मिसेज बेक्टर के पब्लिक इश्यू के जरिये 40.54 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. जबकि 500 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के लिए थे. ये रकम लाइनस, मेबल, जीडब्ल्यू क्राउन पीटीई और जीडब्ल्यू कॉन्फेक्शनरी पीटीई लिमिटेड जैसे शेयर होल्डरों को शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाया जा रहा है.


विश्लेषकों की नजर में आकर्षक है आईपीओ


विश्लेषकों का कहना है कि देश भर में फैले डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, इन-हाउस मैन्यूफैक्चरिंग, एक्सपोर्ट मार्केट में अच्छी मौजूदगी और डबल डिजिट मार्जिन के साथ लोअर डेट-इक्विटी रेश्यो की वजह से ये आईपीओ आकर्षक लग रहा है लेकिन कंपनी का ऑपरेशन छोटा है. कंपनी के मुकाबले में बड़ी प्रतिस्पर्द्धी कंपनियां हैं. कोविड-19 की वजह से निकट भविष्य में मांग में थोड़ी कम दर्ज हो सकती है. दरअसल यह आईपीओ उन निवेशकों के लिए ज्यादा मुफीद है, जो लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और जोखिम ले सकते हैं.


मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में कोविड-19 की वजह से घरेलू खपत बढ़ी थी और इसका लाभ बिस्कुट कंपनियों को हुआ था. इससे मिसेज बेक्टर का कुल कर्ज सितंबर में घट कर 107 करोड़ रह गया. वित्त वर्ष 2017-18 में इसका कुल कर्ज 133 करोड़ रुपये का था. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में इसका नेट प्रॉफिट 38.8 करोड़ रुपये रहा. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह नेट प्रॉफिट 30.4 करोड़ रुपये का था.


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