Pulses Price Hike: दालों की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने घरेलू बाजार में सस्ती दाल उपलब्ध कराने के लिए बड़ा फैसला लिया है. मसूर दाल के इंपोर्ट पर जीरो ड्यूटी की अवधि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक के लिए एक्सटेंड कर दिया गया है. अब मार्च 2025 तक मसूर दाल के इंपोर्ट पर आयातकों को कोई ड्यूटी नहीं देना होगा. वहीं घरेलू बाजार में आम उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर मसूर दाल उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. 


मसूर दाल के आयात पर दी जा रही इंपोर्ट ड्यूटी छूट की अवधि को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने के फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. 21 दिसंबर, 2023 को वित्त मंत्रालय ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है. नवंबर महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के जो आंकड़े जारी हुए हैं उसमें महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली. खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के लिए खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल जिम्मेदार है जिसमें दालों की महंगाई का बड़ा योगदान रहा है. नवंबर 2023 में  दालों की महंगाई दर बढ़कर 20.23 फीसदी पर जा पहुंची है जो अक्टूबर में 18.79 फीसदी रही थी.  इससे साफ है कि दालों की महंगाई ने सरकार की परेशानी बढ़ा रखी है. 


पिछले एक साल की अवधि के दौरान मसूर दाल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 22 दिसंबर 2022 को मसूर दाल की औसत रिटेल कीमत 94.83 रुपये प्रति किलो थी जबकि अधिकतम मुल्य 134 रुपये प्रति किलो थी. 22 दिसंबर 2023 को मसूर दाल की औसत कीमत मामूली गिरावट के साथ घटकर 93.97 रुपये पर आ गई है जबकि अधिकतम मुल्य में उछाल देखा गया और ये बढ़कर 153 रुपये प्रति किलो पर आ गया है यानि इसमें 14 फीसदी का उछाल आया है. 


2024 के लोकसभा चुनाव में अब केवल 3 महीने का समय रह गया है. मार्च 2024 के पहले हफ्ते के बाद से सरकार ऐसा कोई फैसले नहीं ले पाएगी क्योंकि आचार संहिता लागू हो चुका होगा.  ऐसे में सरकार महंगाई को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. यही वजह है कि सरकार ने मार्च 2025 तक मसूर दाल के इंपोर्ट को ड्यूटी फ्री कर दिया है.  


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