Mobile Tariff Likely To Be Hiked:  5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया खत्म हो गई है. लेकिन इसी के साथ इस महंगी नीलामी के चलते देश में मोबाइल टैरिफ बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है. तीनों मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों और अडानी समूह ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है. जिसके बाद माना जा रहा है कि मोबाइल टैरिफ बढ़ना लाजिमी है. 



रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने कुल 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाई है.तो भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये, कर्ज में डूबे वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये और अडानी समूह ने 212 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है. 10 अगस्त, 2022 तक स्पेक्ट्रम आवंटन किया जाना है. सरकार के लाइसेंस फीस देने के लिए इन टेलीकॉम कंपनियों को मौटे पैसे का भुगतान करना है. सितंबर अक्टूबर, 2022 में देश के कई बड़े शहरों में 5जी मोबाइल सेवा की शुरूआत हो जाएगी.


कंपनियों को लाइसेंस फीस के भुगतान करने के लिए अपना राजस्व बढ़ाना होगा. ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल टैरिफ बढ़ाना होगा. इस बार नजर पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ और डाटा रेट्स पर है. इससे पहले साल 2021 के खत्म होने के ठीक एक महीने एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के इलावा रिलायंस जियो ने प्रीपेड मोबाइल टैरिफ को बढ़ाने का ऐलान किया था. लेकिन आने वाले समय में टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड के साथ अब पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में है.


टैरिफ बढ़ाने के दिए थे संकेत 
सभी टेलीकॉम कंपनी की टॉप मैनेजमेंट पहले ही कह चुकी है कि एक और मोबाइल टैरिफ हाईक किया जा सकता है.एक कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने कहा था कि भले ही अगले 3 या चार महीने में मोबाइल टैरिफ नहीं बढ़े लेकिन इस कैलेंडर वर्ष में मोबाइल टैरिफ बढ़ाई जा सकती है और कंपनी टैरिफ बढ़ाने से नहीं हिचकेगी.


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