Satya Nadella Interview: साधारण शुरुआत कर चोटी तक पहुंचने के उदाहरणों को देखा जाए तो इसमें एक प्रमुख नाम आता है माइक्रोसॉफ्ट के मौजूदा सीईओ सत्य नडेला (Microsoft CEO Satya Nadella) का. दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर कंपनियों में से एक के सबसे बड़े पद तक पहुंच जान कोई मामूली बात है भी नहीं, लेकिन नडेला ने यह कर दिखाया है. हाल ही में उन्होंने करियर में सफल होने का मंत्र दुनिया के साथ साझा किया.


करियर में आगे बढ़ने का तरीका


माइक्रोसॉफ्ट सीईओ बताते हैं कि करियर में सफल होने और आगे बढ़ने के लिए अपने काम को अच्छे से करना जरूरी है. वह कहते हैं, आप इस तरह से न सोचें कि आपकी मौजूदा नौकरी आपके करियर में बाधा है या आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचने से रोक रही है. आपको अपनी हर नौकरी को आगे बढ़ने की भूख, समर्पण और सीखने की ललक दिखाने के अवसर के रूप में लेना चाहिए. यह सोच अपनाकर आप किसी भी दीर्घकालिक योजना की तुलना में अधिक तेजी से प्रमोशन पा सकते हैं और जल्दी सैलरी में बढ़ोतरी ले सकते हैं.


कभी नहीं आया सीईओ बनने का ख्याल


नडेला प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क लिंक्डइन के सीईओ रयान रोसलांस्की (LinkedIn CEO Ryan Roslanski) के साथ बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने करियर की यात्रा भी बताई और अपनी सफलता के राज भी बताए. वह बताते हैं कि जब उन्हें साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी मिली थी और वह एक युवा इंजीनियर के तौर पर कंपनी से जुड़े थे, तब उन्होंने यह एक दम नहीं सोचा था कि एक दिन वह उसी कंपनी के सीईओ भी बन सकते हैं.


ऐसा है नडेला का पहला अनुभव


नडेला को माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम करते हुए तीन दशक से ज्यादा समय हो चुके हैं. नडेला अपने करियर की शुरुआत को लेकर कहते हैं कि वह माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी पाकर खूब उत्साहित हुए थे. वह अपना अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, मुझे याद है कि मैं माइक्रोसॉफ्ट के दफ्तर में प्रवेश कर रहा था और सोच रहा था कि यह मुझे मिल सकने वाली दुनिया की सबसे शानदार नौकरी है. मुझे अब इसके बाद कुछ नहीं चाहिए.


अपने काम को मानें सबसे बेहतर


भारतीय मूल के टॉप सीईओ में शुमार नडेला मानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट के साथ तीन दशक से ज्यादा के इस सफर में उन्हें कई शानदार चीजें सीखने को मिलीं. बकौल नडेला, मैंने माइक्रोसॉफ्ट में काम करते हुए जाना कि अपना सबसे अच्छा काम करने के लिए अगली नौकरी का इंतजार नहीं करना चाहिए. मुझे इन 30 सालों में हमेशा यही लगा कि मैं जो काम कर रहा हूं, वह सबसे बढ़िया है. वाकई में मैंने इसे ऐसे ही महसूस किया.


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