Internet Banking: पिछले कुछ सालों में देश में पेमेंट सिस्टम तेजी से बदला है. भारत में डिजिटल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग का बोलबाला बढ़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान किया है कि इंटरनेट बैंकिंग के सिस्टम में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं और साल के अंत तक ईजी पेमेंट सिस्टम की शुरुआत हो जाएगी. इन बदलावों के बाद इस तरह के ट्रांजेक्शन के लिए अब पेमेंट एग्रीगेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी. 


मौजूदा वक्त में इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते वक्त बैंकों को पेमेंट एग्रीगेटर की आवश्यकता पड़ती है. इस कारण उन्हें हरेक प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग एग्रीगेटर से बातचीत करना पड़ता है. 'एग्रीगेटर' एक थार्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर होता है जो ग्राहकों और बिजनेस के बीच एक कड़ी की तरह काम करता है. आरबीआई सिस्टम में बदलाव से कारोबारियों को बड़ा फायदा मिलेगा और लेनदेन का निपटान जल्द हो पाएगा.


पेमेंट एग्रीगेटर से बिजनेसमैन को होती है दिक्कत


पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसा थार्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर है जो ग्राहकों से ऑनलाइन भुगतान लेकर बिजनेस को उसे स्वीकार करने में सक्षम बनाता है. ऐसे में बैंकों को हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग पेमेंट एग्रीगेटर से इंटीग्रेटेड होना पड़ता है, जिस कारण यह प्रक्रिया जटिल हो जाती है. इसके साथ ही कई बार बिजनेस को भी पेमेंट राशि मिलने में भी देरी होती है.


कारोबारियों को होगा फायदा


व्यापारियों और बैंकों की इस परेशानी को दूर करने के लिए आरबीआई ने नियमों में बदलाव का फैसला किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा है कि एनपीसीआई भारत बिल पे लिमिटेड को एक ऐसा सिस्टम शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है जिससे अब थर्ड पार्टी पेमेंट एग्रीगेटर (Merchant Payment) की जरूरत न पड़े. इस प्रणाली को मौजूदा वित्त वर्ष में लागू करने की योजना है. शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई है कि इस नए सिस्टम के लागू होने से कारोबारियों की राशि के लेनदेन का तुरंत निपटारा हो जाएगा और इससे डिजिटल पेमेंट पर यूजर्स का भरोसा भी बढ़ेगा.


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