मल्टीकैप फंड में एलोकेशन के नियम बदल जाने के बाद एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इसमें निवेश न बढ़ाएं. मल्टीकैप फंड्स के लिए अब अपने फंड का 75 फीसदी शेयरों में निवेश जरूरी हो जाएगा. नए नियमों के मुताबिक अब लार्ज, मीडियम और स्मॉल कैप में 25-25 फीसदी एलोकेशन जरूरी हो गया है.लेकिन अब फाइनेंशियल प्लानर और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स ही अपने क्लाइंट को सलाह दे रहे हैं कि सेबी के नियमों में अस्पष्टता बनी हुई है लिहाजा वे इनमें नया निवेश न करें.


लार्ज, मिडकैप और फोकस्ड फंड में निवेश की सलाह 


उनका कहना है कि अभी यह साफ नहीं हो पा रहा है कि कौन से मल्टीकैप फंड इसी कैटेगरी में बने रहेंगे और कौन से नहीं. सलाहकार अब निवेशकों को लार्ज और मिडकैप फंड या फोकस्ड फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं. सोमवार को बीएसई के स्म़ॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स इस उम्मीद में बढ़ गए कि इनमें निवेश बढ़ेगा. दरअसल फंड हाउस सेबी के इस नियम से आशंकित हैं. उनका मानना है कि मिड कैप और स्मॉल कैप में 25-25 फीसदी का अनिवार्य एलोकेशन यूनिट होल्डरों के हित में नहीं है. सेबी के इस नियम को लेकर फंड हाउस अपनी रणनीति का खुलासा नहीं कर रहे हैं. इसलिए निवेशक उन्हें मल्टीकैप फंड में निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं.


मल्टीकैप फंड को शेयरों में 75 फीसदी निवेश का निर्देश 


शुक्रवार को मल्टीकैप फंड के नियमों में बदलाव किए थे. मल्टी कैप फंड के लिए सेबी के एसेट एलोकेशन नियमों के मुताबिक मल्टीकैप फंड को अपने टोटल एसेट का कम से से 75 फीसदी शेयरों में निवेश करना होगा. इसके मुताबिक उन्हें 25-25 फीसदी फंड मल्टी, लार्ज और स्मॉल कैप में लगाना होगा. इससे पहले 65 फीसदी फंड शेयरों में लगाने की अनुमति थी. हालांकि  इसमें यह नहीं कहा गया था कि कितना-कितना हिस्सा, लार्ज, मिडकैप और स्मॉल कैप में लगना है.


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