बुनियादी संरचना से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम एक बार फिर से चर्चा में है. हाल ही में कंपनी चुनावी बॉन्ड को लेकर सुर्खियों में रही थी. अब घुसखोरी के एक मामले में सीबीआई ने कंपनी का नाम दर्ज किया है.


सरकारी कंपनियों के 10 अधिकारियों के नाम


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने मेघा इंजीनियरिंग के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. यह मामला घुसखोरी से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से शनिवार को बताया गया कि मेघा इंजीनियरिंग ने बिल क्लियर कराने के लिए विभिन्न सरकारी कंपनियों के कई अधिकारियों को घूस में पैसे दिए. मामले में इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के साथ सरकारी कंपनियों के अधिकारियों को भी नामजद किया गया है.


बिल क्लियर कराने के लिए दिए घूस


सीबीआई ने प्राथमिकी में जिन अधिकारियों के नाम को दर्ज किया है, उनमें एनआईएसपी और एनएमडीसी के 8 अधिकारी व मेकॉन के 2 अधिकारी शामिल हैं. आरोप है कि मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिल को क्लियर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को घूस में करीब 78 लाख रुपये दिए गए. सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि ये बिल जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से जुड़े काम के थे.


पिछले साल अगस्त में शुरू हुई जांच


सीबीआई ने इस मामले की जांच पहले ही शुरू कर दी थी. 315 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से जुड़े कथित घुसखोरी मामले की प्राथमिक जांच सीबीआई ने 10 अगस्त 2023 को शुरू की थी. यह प्रोजेक्ट जगदलपुर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में इनटेक वेल, पम्प हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन बनाने का है. प्राथमिक जांच के बाद घुसखोरी मामले में औपचारिक मामला दर्ज करने का सुझाव 18 मार्च को दिया गया, जिसके बाद 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई.


चुनावी चंदा देने में दूसरे नंबर पर कंपनी


इससे पहले मेघा इंजीनियरिंग का नाम हाल ही में तब चर्चा में आया था, जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चुनावी चंदा देने वालों के नाम का खुलासा किया था. लिस्ट में मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार बनकर सामने आई थी. कंपनी ने अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 के बीच कुल 966 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा था. उसमें से सबसे ज्यादा 584 करोड़ रुपये का डोनेशन भारतीय जनता पार्टी के पास गया था. बीजेपी के अलावा मेघा इंजीनियरिंग ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपये, डीएमके को 85 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी को 37 करोड़ रुपये, टीडीपी को 25 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये और जेडीएस, जन सेना पार्टी व जदयू जैसी छोटी पार्टियों को 5 से 10 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा दिया था.


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