India Vix Update: शेयर बाजार का सेंटीमेंड या मूड अचानक बदला हुआ नजर आ रहा है. बाजार में भारी उठापटक देखी जा रही है. और ये अनुमान जताया जा रहा कि 4 जून 2024 को लोकसभा चुनावों के नतीजों के एलान से पहले तक बाजार में इस उठापटक में और भी इजाफा देखने को मिल सकता है. बाजार में इस अस्थिरता के माहौल का अंदाजा India Vix से लगा सकते हैं जो लगातार बढ़ता जा रहा है और एक साल के हाई पर जा पहुंचा है. इंडिया Vix के जरिए बाजार में निकट भविष्य में अस्थिरता को मापा जाता है. बाजार में जब ज्यादा उठापटक की संभावना नजर आती है या उसके हालात बनने लगते हैं तो India Vix बढ़ने लगता है और अस्थिरता के माहौल में गिरावट आती है तो India Vix गिरने लगता है. 


80% गिरा India Vix


मंगलवार 7 मई के कारोबारी सत्र में India Vix यानि वोलैटिलिटी इंडेक्स करीब 6.62 फीसदी के उछाल के साथ 17.64 पर जा पहुंचा जो कि एक साल की अवधि का हाई है.  23 अप्रैल 2024 को वोलैटिलिटी इंडेक्स 9.85 के लेवल पर था. आज अगले 14 दिनों में ये 79 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ बढ़कर 17.64 के लेवल पर जा पहुंचा. 


क्या है इंडिया Vix? 


इंडिया VIX या अस्थिरता सूचकांक शेयर बाजार में निकट अवधि में अस्थिरता को मापता है. बाजार में अस्थिरता के दिनों में जैसे बाजार ऊपर नीचे होता है ठीक उसी प्रकार इंडिया VIX भी बढ़ने या घटने लगता है. बाजार में उठापटक की संभावना जब कम हो जाती है तो इंडिया Vix घट जाता है. और अगर उठापटक की संभावना बढ़ जाती है तो इंडिया Vix बढ़ जाता है. एनएसई के निफ्टी के आर्डर बुक के आधार पर इंडिया Vix की गणना की जाती है.  


क्यों गिर रहा शेयर बाजार 


लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर शेयर बाजार की बेचैनी बढ़ने लगी है. पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत कम रहा है. तीसरे फेज के वोट आज गिर रहे उसमें भी वोटरों में उत्साह का अभाव नजर आ रहा है. जानकार ये सोचने को विवश हो गए हैं कि कम मतदान से किसको नुकसान और किस फायदा होगा. लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती 4 जून को होगी और उसी दिन चुनाव की तस्वीरें साफ हो जाएंगी. लेकिन पिछले तीन कारोबारी सत्र में निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. 


लेकिन जानकारों का कहना है कि चुनाव के नतीजों के सामने आने तक बाजार में ये उतार चढ़ाव जारी रह सकती है. स्मॉलकेस मैनेजर वैल्यू स्टॉक्स का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने तक शेयर बाजार में अस्थिरता के हालात पैदा हो सकते हैं.  वैल्यू स्टॉक्स जो कि एक स्मॉलकेस मैनेजर है उसके द्वारा किए गए स्टडी के मुताबिक, शेयर बाजार आमतौर पर चुनाव परिणामों के अनुकूल रहता है, जबकि चुनाव से पहले के महीनों में कुछ अस्थिरता देखी जाती है, जो बहुत थोड़े समय तक रहती है. हालांकि, मजबूत आधारभूत संरचना को देखते हुए, लंबी अवधि में बाजार में तेजी बनी रहेगी.


डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)


ये भी पढ़ें 


2026 तक भारत बन जाएगा दुनिया का तीसरा बड़ा उपभोक्ता बाजार, दोगुनी हो जाएगी समृद्ध लोगों की संख्या