RBI Order: देश में अगली सरकार को चुनने के लिए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) जारी हैं. पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है. अब चुनाव आयोग (Election Commission of India) दूसरे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश में स्वतंत्र एवं निपक्ष लोकसभा चुनाव करवाने के लिए अपनी ओर से सख्ती करना शुरू कर दिया है. आरबीआई ने पेमेंट कंपनियों को निर्देश दिया है कि उन्हें संदिग्ध लेन-देन पर कड़ी नजर रखनी होगी. साथ ही बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी आरबीआई को देनी होगी.


इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम का गलत इस्तेमाल न हो 


आरबीआई ने सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (PSO) से कहा है कि वो हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन पर जरूर ध्यान दें. केंद्रीय बैंक की कोशिश है कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए कोई भी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम का इस्तेमाल न कर सके. साथ ही पैसों के दम पर कोई भी प्रत्याशी वोटरों को न लुभा सके. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने यह पत्र 15 अप्रैल को सभी नॉन बैंकिंग पीएसओ को भेजा था. इसमें कहा गया है कि वोटरों को प्रभावित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम के इस्तेमाल की आशंका है. इसलिए सभी पीएसओ इस संबंध में विशेष ध्यान रखें.


पीएसओ के माध्यम से ही होते हैं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन


आरबीआई के पत्र में चुनाव आयोग की चिंताओं का भी जिक्र किया गया है. चुनाव आयोग ने भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने की मांग की थी. आरबीआई ने सभी पीएसओ को निर्देश दिया है कि वो चुनाव के दौरान विशेष सतर्कता बरतें. देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पीएसओ के माध्यम से ही किए जाते हैं. इनमें एप और कार्ड भी शामिल हैं. इसमें वीजा, रुपे, पेयू, पेटीएम, गूगल पे के साथ ही फॉरेन मनी ट्रांसफर कंपनियों को भी निर्देश दिए गए हैं. 


मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी बैंकों को दिए थे निर्देश 


मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी 16 मार्च को सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वो बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी रोजाना भेजें. उन्होंने कहा था कि पैसों की ताकत से चुनाव को प्रभावित करने का मौका किसी को नहीं दिया जाएगा. लोकसभा चुनावों के लिए वोटिंग 7 चरणों में 19 अप्रैल से 1 जून तक होनी है. चुनाव परिणाम 4 जून को जारी किए जाएंगे.


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