लक्ष्मीविलास बैंक के 93 हजार शेयरधारकों के लिए अब इसके शेयर कौड़ियों के मोल भी नहीं रहे. आरबीआई की ओर से लक्ष्मीविलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय की मंजूरी मिलने के बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने इसके शेयरों को सस्पेंड कर दिया है. शुक्रवार को इसके शेयर स्टॉक एक्सचेंजों से डिलिस्ट हो जाएंगे.


आरबीआई के ऐलान से नाउम्मीदी 


इस बीच इसके शेयर 4.8 फीसदी बढ़ कर 7.65 रुपये पर इस उम्मीद में पहुंचे थे कि शायद आरबीआई शेयरहोल्डरों की राहत के लिए कोई ऐलान करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बुधवार को आरबीआई ने लक्ष्मीविलास बैंक के लिए जो ऐलान किया था, उसमें शेयरहोल्डरों की राहत के लिए कोई उपाय नहीं था.  शेयरहोल्डरों के शेयर बट्टे खाते में डाल दिए गए. जिन निवेशकों ने किसी राहत पैकेज की उम्मीद में इसके शेयर खरीदे थे उन्हें भी घाटा हुआ है. डीबीएस में विलय के बाद लक्ष्मीविलास बैंक की सारी पूंजी राइट-ऑफ कर दी गई है. आरबीआई ने कहा था कि लक्ष्मीविलास बैंक पर लगाया गया मोराटोरियम  27 नवंबर को खत्म हो जाएगा.


लक्ष्मी विलास बैंक की सभी शाखाएं डीबीएस की शाखाएं हुईं 


लक्ष्मी विलास बैंक की सभी शाखाएं अब डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड की शाखाओं के तौर पर काम करेंगीं. लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहक शुक्रवार से अपने अकाउंट को डीबीएस बैंक के कस्टमर के तौर पर ऑपरेट कर सकेंगे. कैबिनेट ने बुधवार को लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को डीबीएस बैंक में करने की मंजूरी दे दी. इसके कुछ घंटों बाद रिजर्व बैंक ने बयान जारी कर कहा कि यह विलय 27 नवंबर, 2020 से प्रभावी माना जाएगा.सरकार ने कहा है कि अब डिपोजिटरों पर आगे पैसा निकालने पर कोई रोक नहीं होगी. इसके साथ ही 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का नाम खत्म हो जाएगा और इसकी इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. इस बैंक का पूरा डिपोजिट अब डीबीएस इंडिया के नाम हो जाएगा.


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