भारत सरकार देश को चिप यानी सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. ऑटो से लेकर घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों तक बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर के मामले में देश अभी आयात पर निर्भर है. आने वाले समय में इस कंपोनेंट की प्रासंगिकता और बढ़ने वाली है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है कि देश में ही बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर की डिजाइनिंग व विनिर्माण हो. सरकार ने इसी लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम यानी पीएलआई योजना की शुरुआत की है.


ये कंपनियां कर चुकी हैं ऐलान


सरकार के प्रयासों को अच्छी-खासी सफलता भी मिलती दिख रही है. कई बड़ी कंपनियां पहले ही सरकार की पहल का फायदा उठाते हुए भारत में सेमीकंडक्टर की डिजाइनिंग व मैन्युफैक्चरिंग का प्लांट लगाने का ऐलान कर चुकी हैं. उनमें मेटल-माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी एप्पल समेत कई कंपनियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाने वाली ताईवानी कंपनी फॉक्सकॉन, अमेरिकी चिप कंपनी माइक्रॉन के नाम शामिल हैं. अब लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है और वह है कंस्ट्रक्शन व इंजीनियरिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एलएंडटी का.


अमेरिका में आरएंडडी सेंटर


लार्सन एंड टुब्रो ने मंगलवार को इस संबंध में बड़ा ऐलान किया. कंपनी ने बताया कि वह फैबलेस सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में पैर उतार रही है. इसके लिए एलएंडटी एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी स्थापित करने वाली है. एलएंडटी अपनी इस नई सब्सिडियरी में 830 करोड़ रुपये का निवेश भी करने जा रही है. कंपनी ने साथ ही एक आरएंडटी सेंटर बनाने का भी संकेत दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि कंपनी भारत में प्लांट लगाने के साथ अमेरिका में आरएंडडी सेंटर बना सकती है.


अभी डिजाइन पर रहेगा फोकस


आपको बता दें कि एलएंडटी पहले ही अपने कारोबार के दायरे को काफी बढ़ा चुकी है. कंपनी पहले से आईटी एंड टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर में उपस्थित है. इससे कंपनी को सेमीकंडक्टर सेक्टर में शुरुआत करने के लिए पर्याप्त डोमेन एक्सपर्टाइज मिल जाती है. कंपनी शुरुआत में ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल चिप डिजाइन पर फोकस करने वाली है. कंपनी का फोकस अभी विनिर्माण के बजाय डिजाइन पर रहने वाला है.


इतना बढ़ा है कंपनी का नेट प्रॉफिट


एलएंडटी को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3,223 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है. यह पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर 2022 के दौरान हुए 2,229 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे की तुलना में 45 फीसदी ज्यादा है. इस दौरान कंपनी का राजस्व साल भर पहले के 42,763 करोड़ रुपये से 19 फीसदी बढ़कर 51,024 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.


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