नौकरी के बदले घूस-कमीशन की खबरें कोई नई नहीं हैं. अक्सर नौकरी से जुड़े घोटाले सामने आते रहते हैं, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जो संभवत: इस तरह का पहला नौकरी घोटाला है. इस मामले के तार जुड़े हैं देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के, जिसमें नौकरी (TCS Job Scandal) दिलाने के बदले करोड़ों के कमीशन लिए गए हैं.
एक व्हिसलब्लोअर ने किया खुलासा
लाइव मिंट की एक खबर के अनुसार, सबसे बड़ी आईटी कंपनी में नौकरी दिलाने के बदले कुछ बड़े अधिकारियों ने कंसल्टेंसी स्टाफिंग कंपनियों (Staffing Firms) से बड़े स्तर पर कमीशन लिए. इस पूरे प्रकरण का खुलासा एक व्हिसलब्लोअर ने किया है, जिसने टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी को इस मामले की जानकारी दी. व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि टीसीएस के रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (RMG) के ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती कंपनी में नौकरी दिलाने के बदले सालों से स्टाफिंग फर्मों से कमीशन ले रहे हैं.
कंपनी ने अब तक की ये कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद टीसीएस ने इसकी जांच के लिए तीन बड़े अधिकारियों की एक समिति बनाई, जिसमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन भी शामिल रहे. सप्ताहों तक चली जांच के बाद टीसीएस ने चक्रवर्ती को लीव पर भेज दिया और रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप के 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया. इसके अलावा आईटी कंपनी ने तीन स्टाफिंग फर्मों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया.
चक्रवर्ती 1997 से ही टीसीएस में नौकरी कर रहे थे. वह सीधे मुख्य परिचालन अधिकारी नटराजन गणपति सुब्रमण्यम को रिपोर्ट करते थे. रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप के एक्सीक्यूटिव अरुण जीके पर भी कार्रवाई हुई है और उन्हें सैक कर दिया गया है. टीसीएस ने इन दोनों के अलावा जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, उना नाम अभी पता नहीं चल पाया है. जिन तीन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, उनका नाम भी अभी सामने नहीं आया है.
100 करोड़ के कमीशन की आशंका
खबर के अनुसार, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि टीसीएस में नौकरी दिलाने के बदले यह गड़बड़ी कितने बड़े स्तर पर हुई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसमें शामिल लोगों ने कम से कम 100 करोड़ रुपये कमीशन में लिए हैं. दरअसल आरएमजी डिवीजन हर रोज नई भर्तियों समेत करीब 1,400 इंजीनियरों को विभिन्न प्रोजेक्ट पर प्लेस करता है. इसका मतलब हुआ कि टीसीएस का आरएमजी डिवीजन हर मिनट एक नया प्लेसमेंट करता है. इससे गड़बड़ी के स्तर की कल्पना की जा सकती है.
3 साल में टीसीएस में हुईं 3 लाख भर्तियां
टाटा समूह की आईटी कंपनी टीसीएस भारतीय कॉरपोरेट जगत में सबसे ज्यादा नौकरियां मुहैया कराती है. टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 2022 के अंत में 6.15 लाख थी. पिछले 3 साल में कंपनी ने करीब 3 लाख भर्तियां की हैं और इनमें से 50 हजार लोगों को तो हालिया कुछ महीने में काम पर रखा गया है. टीसीएस समेत लगभग सभी बड़ी आईटी कंपनियां या तो एम्पलॉई रेफरल प्रोग्राम के जरिए या स्टाफिंग फर्म के माध्यम से भर्तियां करती हैं.
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