नई दिल्लीः टाटा संस के नए चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन बन गए हैं. इससे पहले वो टीसीएस (टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज़) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर थे. टाटा संस के नए चेयरमैन बनने के साथ ही वो टाटा समूह के सबसे युवा चेयरमैन में से एक बन गए हैं.


टीसीएस के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर नटराजन चंद्रशेखरन ने तमिलनाडु के त्रिची स्थित रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेने के बाद वर्ष 1987 में कंपनी में काम करना शुरू किया था. एन. चंद्रशेखरन ने इंटर्न के तौर पर 1987 में कंपनी में प्रवेश लिया था और तबसे आजतक वो इस कंपनी में लगातार प्रगति कर रहे हैं. यानी नटराजन 30 साल से टाटा समूह का हिस्सा हैं. 25 अक्टूबर, 2016 को उन्हें टीसीएस के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया गया था.


2009 में चंद्रशेखरन ने बतौर सीईओ और एमडी टीसीएस की कमान संभाली थी. नटराजन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने वर्ष 2015-16 के दौरान रेवेन्यू को बढ़ाकर 16.5 अरब डॉलर तक पहुंचाया.


नटराजन चंद्रशेखरन का टीसीएस का सफर
नटराजन को टेक्नो आंत्रप्रेन्योर के तौर पर जाना जाता रहा है. एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस की आमदनी 2010 में जो 30,000 करोड़ रुपये थी वहीं वित्त वर्ष 2016 में तीन गुना बढ़कर 1.09 लाख करोड़ रुपये जा पहुंची थी. टीसीएस ने 2015 में दुनिया का सबसे शक्तिशाली आइटी कंपनी के स्थान पर काबिज हुई और वहीं इसने आईटी दिग्गज इंफोसिस को भी देश की नंबर 1 आईटी कंपनी के पहले स्थान से दूसरे स्थान पर ढकेल दिया था. टाटा समूह की कंपनी टीसीएस अभी भी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये है.


निजी जीवन
नटराजन चंद्रशेखर का जन्म तमिलनाडु के नम्क्कल के पास मोहनूर में एक तमिल परिवार में हुआ था. फिलहाल वो मुंबई में अपनी पत्नी ललिता और पुत्र प्रणव के साथ रहते हैं. नटराजन चंद्रशेखर एक अच्छे फोटोग्राफर और लॉन्ग डिस्टेंस रनर भी हैं. इन्होंनें मुंबई, टोक्यो, न्यूयॉर्क, बर्लिन, शिकागो और बोस्टन समेत कई जगहों पर मैराथन में हिस्सा लिया है.




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