Multiple Bank Accounts: डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking) के प्रचार प्रसार के बाद मोबाइल ऐप के जरिए  या ऑनलाइन जाकर लोग आसानी से बैंक खाता ( Bank Account) खोल सकते हैं. इस सुविधा का लोगों ने भरपूर फायदा उठाया है. क्योंकि घर बैठे बैंक अकाउंट खुल जाता है. विडियो कॉल के जरिए केवाईसी ( KYC) हो जाती है. कई बार लोग नौकरी बदलते हैं तो हर कंपनी का अलग बैंक में खाता होता है. ऐसे में आपने 3 या 4 बार नौकरी बदल ली तो अलग अलग बैंकों में सैलेरी अकाउंट ( Salary Account) खोलना पड़ता है. इसके चलते लोगों के पास कई बैंक खाते हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ज्यादा बैंक खाते होने के फायदे भी हैं और साथ में इसका नुकसान भी है.  


बात कर लेते हैं ज्यादा बैंक खाते से होने वाले फायदे की. 


बैंकों के ऑफर का लाभ 
कई बैंक खाते के साथ बैंक लॉकर, बीमा, डेबिट कार्ड के साथ दूसरी सर्विसेज ऑफर करते हैं.  मोबाइल बिल से लेकर बिजली का बिल या पानी के बिल का भुगतान करने पर रिवॉर्ड्स और डिस्काउंट भी बैंक देते हैं. शॉपिंग से लेकर ईएमआई पर खरीदारी करने पर भी ऑफर मिलता है जैसे प्रोसेसिंग फीस नहीं देना पड़ता है. ज्यादा अकाउंट होने के बाद खरीदारी करने या फ्लाइट की टिकट बुक करने या रेस्ट्रां में जाने पर छूट का ऑफर भी होता है. 


एटीएम से फ्री विड्रॉल का फायदा 
सभी बैंक ने एक महीने में एटीएम से मुफ्त विड्रॉल ( Free Withdrawal From ATM) का लिमिट तय किया हुआ है.  ज्यादातर बैंकों में 5 बार मुफ्त विड्रॉल की सुविधा होती है. और  ज्यादा बैंकों में अगर आपका खाता रहा तो आप कई बार एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं और ट्रांजैक्शन चार्ज भी नहीं देना होगा. 


खास मकसद के लिए ज्यादा खाते 
कई बार लोग ज्यादा बैंक खाते इसलिए रखते हैं क्योंकि हर बैंक खाता रखने के पीछे खास मकसद होता है. जैसे किसी बैंक से होमलोन लिया हुआ है उस बैंक के खाते से ईएमआई का भुगतान होता है. किसी बैंक में खाते के जरिए पीपीएफ या एनपीएस या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है. इमरजेंसी फंड रखने के किसी विशेष बैंक में खाता मेंटेन किया जाता है. 


ज्यादा बीमा कवर का फायदा 
बैंक खाते में 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर आरबीआई की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन द्वारा बीमा कवर दिया जाता है. अगर बैंक डूब जाये तो 5 लाख रुपये ही मिलेंगे भले ही बैंक खाते में 5 लाख रुपये से ज्यादा रकम डिपॉजिट रहा हो. ऐसे में ज्यादा बैंक खाते में रकम रखने पर ये सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी बैंक खाते पर बीमा कवर मिलेगा. 



लेकिन ज्यादा बैंक खाते होने के नुकसान भी हैं. 


औसत मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट
हर बैंक में खाताधारकों को औसत मिनिमम बैलेंस बैंक खाते में रखना होता है. ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी देना होता है. हर बैंक में औसत मिनिमम बैलेंस रखना कई बार कठिन हो जाता है. ऐसे में खाताधारकों को ज्यादा बैंक खाते रखने का नुकसान है. 


ज्यादा चार्जेज का करना होता है भुगतान 
अगर ज्यादा बैंक खाता आप रखेंगे तो ज्यादा बैंकों को सलाना एनुअल फीस से लेकर एटीएम चार्ज, लॉकर फीस और अकाउंट मेटेनेंस फीस देना होगा. ज्यादा फीस से आपकी जेब पर असर पड़ेगा. अगर एक या दो बैंक में केवल खाता रहेगा तो कम फीस का भुगतान करना होगा और आपके पैसे भी बच जायेंगे. 


ब्याज का नुकसान 
सभी बैंकों का सेविंग अकाउंट पर ब्याज एक समान नहीं होता है. ऐसे में ज्यादा बैंकों में खाते रखने पर ब्याज का नुकसान हो सकता है. कुछ बैंकों में सेविंग अकाउंट पर ज्यादा ब्याज मिलता है तो कुछ बैंक सेविंग अकाउंट पर कम ब्याज देते हैं. इसलिए ऐसे बैंक में खाता रखने में फायदा मिल सकता जो सेविंग अकाउंट पर ज्यादा ब्याज देता हो.  


ज्यादा खाता होना है आफत भी
ज्यादा बैंक अकाउंट को ट्रैक करना भी बेहद मुश्किल होता है. हर बैंक का अलग पासबुक और चेकबुक रखने का झंझट. उसपर से हर बैंक का अलग अलग यूजर आईडी से लेकर पासवर्ड याद रखना कठित होता है. ज्यादा डेबिट कार्ड भी रखना पड़ता है. अगर बैंक घर से दूर है ट्रैवल का खर्च अलग. इसलिए कम बैंक खाते रखने के ये फायदे भी हैं. ज्यादा बैंक खाते उन्हें ही रखना चाहिए जिन्हें ज्यादा बैंकिंग ट्रांजैक्शन करना पड़ता है.


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