Jamsetji Tata 185th Birth Anniversary: टाटा इंडस्ट्री का नाम आज देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में जाना जाता है. टाटा कंपनी के प्रोडक्ट आज घर-घर में मौजूद हैं. नमक से लेकर कार तक आज टाटा ग्रुप हर उम्र के लोगों के बीच मौजूद है. इस कंपनी को एक बड़ा एंपायर बनाने में टाटा ग्रुप के जनक जमशेदजी टाटा का योगदान है. मात्र 21 हजार रुपये से जमशेदजी टाटा ने इस कंपनी की नींव रखी और आज ये कंपनी लाखों-करोड़ों का कारोबार कर रही है.


ट्रेडिंग कंपनी से की शुरुआत


जमशेदजी टाटा ने 29 साल की उम्र में मात्र 21,000 रुपये के साथ एक ट्रेडिंग कंपनी की शुरुआत की. उस समय शुरू हुई ये कंपनी आज के टाटा ग्रुप का इतिहास है. साल 1874 में जमशेदजी टाटा ने बिजनेस की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाया. उन्होंने टेक्सटाइल मिल की शुरुआत की. लेकिन जमशेदजी टाटा ने ये मिल इंडस्ट्री के हब माने जाने वाले मुंबई में न शुरू करके अपनी कंपनी की शुरुआत नागपुर से की.


कर्मचारियों के कल्याण पर दिया ध्यान


जमशेदजी टाटा ने एक ऐसा कदम उठाया, जो आज के समय में भी टाटा ग्रुप की पहचान बना हुआ है. जमशेदजी टाटा ने साल 1886 में अपनी एम्प्रेस मिल के कर्मचारियों को भत्ते देने शुरू कर दिए. इसके जरिए जमशेदजी ने एम्प्लॉइ वेलफेयर की नींव रख दी. आज भी टाटा ग्रुप को अपने एम्प्लॉइ का ध्यान रखने के लिए जाना जाता है.


शिक्षा से ले होटल बनाने तक रहा योगदान


जमशेदजी टाटा ने JN Tata Endowment Fund के जरिए विद्यार्थियों की मदद की. जो विद्यार्थी आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते थे, उनके सपनों को पंख जमशेदजी टाटा ने दिए. वहीं साल 1903 में जमशेदजी टाटा ने एक होटल भी खोला, ये होटल आज भी देश के सबसे बड़े होटलों में से एक है. इस होटल का नाम है- द ताज होटल. जमशेदजी टाटा ने अपनी आखिरी सांस तक टाटा ग्रुप को एक बड़ा नाम बना दिया.


आज के समय में टाटा ग्रुप दुनियाभर में अपने प्रोडक्ट चला रहा है. साथ ही वेलफेयर के कामों में भी टाटा ग्रुप का नाम शामिल रहता है. TCS, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कम्युनिकेशन जैसी कंपनियां दुनियाभर में भारत देश का नाम रोशन कर रही हैं.


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