Income Tax Return:  वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख करीब आ रही है. इस कारण आयकर विभाग (Income Tax Department) टैक्सपेयर्स को बार-बार आईटी रिटर्न फाइल (Income Tax Return) करने की सलाह दे रहा है. मगर क्या आप जानते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स में से 70 फीसदी लोगों पर जीरो टैक्स की देनदारी है यानी उन्हें 1 रुपये भी टैक्स के रूप में नहीं देना है.


70 फीसदी लोगों पर है जीरो टैक्स की देनदारी


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा संसद में पेश किए गए डाटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में फाइल किए गए कुल आईटीआर में से 70 फीसदी लोगों को एक रुपये भी टैक्स के रूप में नहीं देना है. वित्त मंत्री से एलएस तेजस्वी सूर्या ने इस मामले पर सवाल किया गया था जिसके जवाब में उन्होंने यह डाटा पेश किया है. सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक FY23 में कुल 7.40 करोड़ आईटी रिटर्न में से 5.16 करोड़ लोगों पर एक रुपये भी इनकम टैक्स की देनदारी नहीं थी. ऐसे में यह फाइल किए गए कुल टैक्स में से 70 फीसदी हिस्सा है. वहीं FY22 की बात करें तो कुल 6.9 करोड़ लोगों ने आईटीआर फाइल किया था जिसमें 5.05 करोड़ यानी 73 फीसदी लोगों पर जीरो टैक्स की देनदारी थी.


ITR फाइल करने वालों की संख्या में हुआ इजाफा


वित्त मंत्री ने संसद को यह भी जानकारी दी है कि सरकार द्वारा चलाए गए अलग-अलग जागरूकता प्रोग्राम के कारण देश में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 23 में ऐसे लोगों की संख्या में कुल 6.18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं पिछले चार में रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 14.37 फीसदी तक बढ़ गई है. मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि इस दौरान जीरो टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 77.93 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.


सरकार ने पिछले कुछ समय में कई ट्रांजैक्शन जैसे ज्यादा राशि के लेनदेन,लग्जरी कारों की खरीद, विदेशी मुद्रा के ट्रांजैक्शन, ऑनलाइन गेम्स के द्वारा जीती गई राशि, विदेशी टूर पैकेज की खरीद आदि पर टीडीएस/टीसीएस लगाकर कई लोगों को आईटीआर फाइल करने के लिए प्रोत्साहित किया है.


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