चेक से ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने नया कदम उठाया है. अब आप हाई वैल्यू चेक जारी करने वाले अपने चेक की तस्वीर बैंक को भेज सकेंगे. बैंक ग्राहक अब थर्ड पार्टी को इश्यू किए जाने वाले चेक की तस्वीर खींच कर अपने बैंक को भेज सकेंगे. इससे 50 हजार रुपये से अधिक वैल्यू के चेक जल्दी और सुरक्षित तरीके से क्लीयर हो सकेंगे.


आरबीआई ने 6 अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा का ऐलान करते हुए कहा कि चेक के लिए वह 'पॉजीटिव' पे मैकेनिज्म ला रहा है. इससे बैंक, फर्जीवाड़ा और चेक के दुरुपयोग पर रोक लगा सकेंगे. इससे Drawee बैंक को चेक इश्यू करते समय चेक जारी करने वालों की सूचना तुरंत मिल जाएगी और इसके आधार पर पेमेंट को आगे प्रोसेस किया जा सकेगा. इससे देश भर में इश्यू होने वाले 80 फीसदी चेक ( वैल्यू के हिसाब से) कवर हो जाएंगे. वॉल्यूम के हिसाब से 20 फीसदी चेक भी इस मैकेनिज्म के तहत कवर हो जाएंगे. इस वक्त चेक क स्ट्रेट-थ्रू प्रोसेसिंग होती है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम में ऑप्टिकल, इमेज कैरेक्टर के जरिये चेक प्रोसेस किया जाता है.


सितंबर से लागू होगा पूरे देश में चेक ट्रंकेशन सिस्टम


5रिजर्व बैंक ने सितंबर 2020 से देशभर में चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम (CTS) लागू करने का फैसला किया है. इस सिस्टम की बदौलत चेक क्लियरेंस में तेजी आएगी. आरबीआई ने यह व्यवस्था 2010 में शुरू की थी. फिलहाल यह कुछ बड़े शहरों में ही है. पूरे देश में सीटीएस प्रणाली सितंबर 2020 से लागू की जाएगी.


क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम


चेक ट्रंकेशन यानी CTS के तहत एक बैंक से चेक दूसरे बैंक में भेजने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से उसकी तस्वीर भेजी जाती है. चेक के एक जगह से दूसरी जगह फिजिकल फॉर्म में न ले जाने से बैंक की लागत घटती है और इसमें लगने वाला समय भी घट जाता है. इससे चेक की प्रोसेसिंग तेज होती है और यह जल्दी क्लियर हो जाता है.