Tax Planning: आपकी अप्रैल की सैलरी खाते में आ चुकी होगी और कई लोगों की सैलरी भी कटी होगी. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई एंप्लाई अपना टैक्स प्रूफ सबमिशन समय से नहीं करते हैं और इसका खामियाजा टैक्स कटने के रूप में भुगतना पड़ता है. यहां हम आपको बताएंगे कि ऐसा होने से बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और गया हुआ पैसा कैसे वापस आएगा.


वित्तीय वर्ष खत्म होते समय या नया शुरू होते समय टैक्स कटने से होती है दिक्कत
कई बार ऐसा होता है कि आपका सारा साल अच्छे से टैक्स नहीं कटता और वित्त वर्ष के आखिरी दो या तीन महीने में सारा टैक्स एक साथ कट जाता है जिसकी वजह से सारी सैलरी का बहुत कम हिस्सा आपके पास आता है. अगर आप भी इस समस्या को झेल चुके हैं तो आपको समझ आ गया होगा कि टैक्स प्लानिंग करना कितना जरूरी है और इसके जरिए आप कैसे अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा अपने लिए सुरक्षित रख सकते हैं. 


कैसे करें टैक्स प्लानिंग
सबसे पहले जरूरी है कि आप नए वित्तीय साल की शुरुआत में ही अपने नियोक्ता या एंप्लॉयर को इस बात की जानकारी दे दें कि आप साल भर में कितना निवेश करने वाले हैं और कितने पैसे अलग-अलग मदों में निवेश की सीमा के तहत लगाएंगे. इसके अलावा ये भी बहुत जरूरी है कि आप साल खत्म होने से पहले या जब आपका नियोक्ता इंवेस्टमेंट प्रूफ मांगे तो उसे सही तरीके से मुहैया कराएं. 


क्या गलती करते हैं सैलरीड क्लास लोग
सैलरीड क्लास अक्सर ये गलती करते हैं कि वो समय से अपने इवेंस्टमेंट डिक्ल्येरेशन और इंवेस्टमेंट प्रूफ नियोक्ता को नहीं देते हैं, लिहाजा उसका डेटा समय से अपडेट नहीं हो पाता है और सैलरी से बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में कट जाता है. 


कैसे वापस आएगा पैसा
आपके लिए इसका सबसे बड़ा उपाय यही है कि इनकम टैक्स रिटर्न विंडो खुलने पर समय से आयकर रिटर्न भर दें और अपने सारे इंवेस्टमेंट और एफडी, आरडी, खातों आदि के बारे में सही से जानकारी दे दें तो समय से आपका जितना एक्स्ट्रा टैक्स कटा है वो वापस आ जाएगा. 


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