Iran's Protest After Currency Falls: इस समय दुनिया के कई देशों की मुद्राओं में कमजोरी देखने को मिल रही है और ईरान भी इससे अछूता नहीं है. ईरान में स्थानीय मुद्रा रियाल में भारी गिरावट के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि यह आर्थिक संकट बड़े जन-आंदोलन में बदल गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रियाल के तेज़ी से कमजोर होने के बाद सोमवार को देश में पिछले तीन वर्षों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.
बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा के सामानों की कीमतों में बेतहाशा इजाफे से नाराज़ लोगों के दबाव के बीच ईरान के सेंट्रल बैंक प्रमुख मोहम्मद रज़ा फरजीन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. सरकारी टेलीविजन चैनल ने पुष्टि की कि तेहरान समेत कई बड़े शहरों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर उतरने के बाद सेंट्रल बैंक चीफ ने यह कदम उठाया.
रियाल में गिरावट से लोगों में उबाल
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी तेहरान के डाउनटाउन इलाके की सादी स्ट्रीट और मुख्य ग्रैंड बाज़ार के पास स्थित शुश क्षेत्र में व्यापारियों और दुकानदारों ने रैली निकाली. ग्रैंड बाज़ार और उसके आसपास के इलाके ईरान में राजनीतिक बदलाव का एक मजबूत प्रतीक माने जाते हैं, क्योंकि 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान यहां के व्यापारियों ने आंदोलन को निर्णायक समर्थन दिया था. ऐसे में इन इलाकों में व्यापारियों का सड़कों पर उतरना केवल आर्थिक असंतोष नहीं, बल्कि सरकार के लिए एक गंभीर राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कई व्यापारियों ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद कर दीं और अन्य लोगों से भी ऐसा करने की अपील की.
प्रदर्शन केवल तेहरान तक सीमित नहीं रहा. प्रत्यक्षदर्शियों ने इस्फहान, शिराज और मशहद जैसे प्रमुख शहरों में भी विरोध प्रदर्शन होने का दावा किया है. वहीं, सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, तेहरान के कुछ इलाकों में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. यह प्रदर्शन 2022 के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन माना जा रहा है. उस समय हिजाब नियमों के कथित उल्लंघन में गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय महसा जीना अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद देशभर में महीनों तक व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
तीन साल में बड़ा प्रदर्शन
गौरतलब है कि यह संकट ऐसे समय पर गहराया है जब रविवार को ईरानी रियाल डॉलर के मुकाबले गिरकर लगभग 14.2 लाख के स्तर पर पहुंच गया था. हालांकि, सोमवार को इसमें थोड़ी रिकवरी देखने को मिली और रियाल 18.3 लाख प्रति डॉलर के आसपास कारोबार करता दिखा. जब मोहम्मद रज़ा फरजीन ने वर्ष 2022 में सेंट्रल बैंक प्रमुख का पद संभाला था, तब डॉलर के मुकाबले रियाल करीब 4.30 लाख के स्तर पर था. मौजूदा गिरावट ने आम जनता की क्रय शक्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है और यही गुस्सा अब सड़कों पर व्यापक विरोध के रूप में सामने आ रहा है.
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