IPO Update: 2023 में  शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. ऐसे में कंपनियां आईपीओ लाने से अब कतरा रही है. कंपनियों को डर सता रहा कि उनके आईपीओ को निवशक खारिज ना कर दें, आईपीओ को फीका रेस्पांस ना मिले. यही वजह है कि शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी से मंजूरी मिलने के बावजूद कंपनियां आईपीओ लाने के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल रही हैं. 


पिछले छह महीने में सेबी से मंजूरी मिलने के बाद भी 27 कंपनियां बाजार के मूड ठीक नहीं रहने के चलते आईपीओ लेकर नहीं आई. इन कंपनियों को सेबी से मिला अप्रूवल लैप्स हो गया. अगले महीने भी 5 कंपनियों के लिए आईपीओ लाने की समय सीमा खत्म हो जाएगी. आपको बता दें सेबी से मंजूरी मिलने के एक साल के भीतर कंपनी को आईपीओ लॉन्च करना होता है. अगर कंपनियां इस अवधि में आईपीओ लेकर नहीं आती हैं तो उन्हें रेग्युलेटर के पास फिर से ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल करना होता है. 


जिन कंपनियों के लिए आईपीओ लाने की समय सीमा फरवरी में खत्म होने वाली है उसमें एपीआई होल्डिंग्स (API Holdings) प्रमुख है. कंपनी को 17 फरवरी 2022 को आईपीओ लाने के लिए सेबी से मंजूरी मिली थी. एपीआई होल्डिंग्स की बाजार से आईपीओ के जरिए 6250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी. सीएमआर ग्रीन टेक के आईपीओ को ( CMR Green Tech IPO) को 16 फरवरी 2022 से सेबी से मंजूरी मिली थी. कंपनी की योजना बाजार से 2000 करोड़ रुपये जुटाने की थी. 


वेलनेस फॉरएवर के आईपीओ को (Wellness Forever IPO) को 16 फरवरी 2022 को सेबी से मंजूरी मिली थी. कंपनी की योजना 1500 करोड़ रुपये जुटाने की थी. लेकिन कंपनी फरवरी 2023 तक आईपीओ नहीं लेकर आती है तो फिर से ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल करना होगा. कैपिटल स्मॉल फाइनैंस बैंक के आईपीओ (Capital Small Finance Bank IPO) को 8  फरवरी 2022 को सेबी से मंजूरी मिली थी. कंपनी 1000 करोड़ रुपये आईपीओ के जरिए जुटाने की जुगत में थी. लेकिन आईपीओ लाने की समय सीमा इसके लिए भी अगले महीने खत्म होने जा रहा है. 


जीसंस इंडस्ट्री (Jesons Industries) आईपीओ के जरिए 900 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में थी और सेबी से कंपनी को 8 फरवरी 2022 को आईपीओ लाने की मंजूरी मिली थी. अब इसके लिए आईपीओ लाने की समय सीमा फरवरी में खत्म हो जाएगी.  


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