IPO Watch: जियो-पॉलिटिकल टेंशन, कमोडिटी के बढ़ते दाम और केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त करने की कोशिशों के कारण शेयर बाजार में जारी भारी उथलपुथल से इस साल की पहली तिमाही के दौरान भारतीय आईपीओ बाजार में सुस्ती छाई रही. 


ईवाई की ग्लोबल आईपीओ ट्रेंड रिपोर्ट
ईवाई की ग्लोबल आईपीओ ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी से मार्च तक की पहली तिमाही के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 16 आईपीओ लॉन्च किये गये, जबकि पिछले साल की समान तिमाही के दौरान 23 आईपीओ लॉन्च हुये थे. इस साल मार्च में समाप्त तिमाही के दौरान आईपीओ लॉन्च से 99.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई गई, जबकि साल 2021 की पहली तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 2.57 अरब डॉलर रहा था.


इस साल पहली तिमाही के दौरान 60 फीसदी की गिरावट
आईपीओ के जरिये जुटाई जाने वाली रकम में इस साल पहली तिमाही के दौरान 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. एसएमई सेक्टर ने आलोच्य तिमाही में 13 आईपीओ के जरिये 1.75 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई.


क्या रहे कारण
ईवाई का कहना है कि आईपीओ बाजार में आई इस सुस्ती के कई कारण हैं. जियो-पॉलिटिकल टेंशन, शेयर बाजार की उठापटक, आईपीओ लॉन्च के दौरान अत्यधिक वैल्यू वाले शेयरों के दाम में करेक्शन, ऊर्जा और कमोडिटी के दामों में तेजी, महंगाई दर में बढ़त और ब्याज दर में बढोतरी की आशंका आईपीओ बाजार पर हावी रही है. कोविड-19 महामारी ने भी आर्थिक रिकवरी की रफ्तार धीमी की हुई है.


IPO से जुटाई गई पूंजी
बाजार के अस्थिर होने के कारण कई आईपीओ टाल भी दिये गये और आलोच्य तिमाही में स्पेशल पर्पस एक्विजिशन व्हीकल के आईपीओ और यूनीकॉर्न कंपनियों के आईपीओ में गिरावट देखी गई. सर्वाधिक पूंजी इस दौरान अडानी विल्मर, वेदांत फैशन तथा एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजी के आईपीओ ने जुटाई जबकि उपभोक्ता उत्पाद और रिटेल क्षेत्र सर्वाधिक सक्रिय रहे.


पहली तिमाही के दौरान दस से अधिक कंपनियों को यूनीकॉर्न का दर्जा
ईवाई ने कहा कि निजी बाजार में गतिविधियों में रही तेजी से इस साल की पहली तिमाही के दौरान दस से अधिक कंपनियों को यूनीकॉर्न का दर्जा मिला. निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल का निवेश भी अच्छा रहा. जनवरी-फरवरी 2022 में निवेश गत साल की समान अवधि के 4.1 अरब डॉलर की तुलना में दोगुने से अधिक 10.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया.


देश का अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ कल होगा लिस्ट
इस राशि के साथ एलआईसी का IPO देश का अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है. इसके पहले वर्ष 2021 में आया पेटीएम का आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये का था. उससे पहले वर्ष 2010 में कोल इंडिया का आईपीओ करीब 15,500 करोड़ रुपये का था.


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