सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रिफाइनरी में न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए तेल कंपनी ने न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के साथ पार्टनरशिप करने की तैयारी में है.


कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने दी जानकारी


इंडियन ऑयल के आरएंडडी डाइरेक्टर आलोक शर्मा ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. वह दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल की योजना रिफाइनरी में छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने की है, ताकि स्वच्छ ऊर्जा का ज्यादा इस्तेमाल हो सके. इसके लिए कंपनी की एनपीसीआईएल के साथ बातचीत चल रही है और पार्टनरशिप करने की तैयारी है.


पारंपरिक ग्रिड पर कम होगी निर्भरता


दोनों कंपनियां मिलकर इस बात की संभावनाएं तलाशेंगी कि रिफाइनरी में किस तरह से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर यानी एसएमआर का इस्तेमाल हो सकता है. इससे पारंपरिक ग्रिड पर रिफाइनरी की निर्भरता कम होगी. रिफाइनरी के इस्तेमाल के लिए बड़े पैमाने पर ग्रिड व प्लांट लगाने की जरूरत पड़ती है. कई बड़ी बिजली परियोजनाओं में देरी के चलते भी विकल्पों पर गौर किया जा रहा है.


मिल सकती है प्राइवेट कंपनियों को मंजूरी


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कई बड़ी बिजली परियोजनाओं को देरी की समस्या सामना करना पड़ रहा है. इस कारण पॉलिसीमेकर 300 मेगावाट तक की क्षमता वाले स्मॉल-स्केल न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहे हैं. एसएमआर यानी छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर न सिर्फ कम समय में बनाए जा सकते हैं, बल्कि उन्हें ऑपरेट करना भी आसान होता है. सरकार इन छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर को मैनेज व ऑपरेट करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को मंजूरी देने के बारे में भी विचार कर रही है.


ये कंपनियां भी दिखा रही हैं दिलचस्पी


अभी ऐसे छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर में सिर्फ इंडियन ऑयल ही नहीं, बल्कि कई बड़ी सरकारी कंपनियां दिलचस्पी ले रही हैं. उनमें एनटीपीसी और ओएनजीसी भी शामिल हैं. एनटीपीसी जहां बिजली उत्पादन का काम करती है, वहीं ओएनजीसी तेल व गैस की तलाश करने वाली प्रमुख कंपनी है.


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