United States Inflation Data: सोमवार को भारत में मई महीने के लिए घोषित खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी पर आ गई. अब अमेरिका से भी महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है. अमेरिका में मई महीने में महंगाई 4 फीसदी से दर से बढ़ी है जो कि अप्रैल 2023 के मुकाबले कम है. अप्रैल में महंगाई दर 4.9 फीसदी के दर से बढ़ी थी. महंगाई की रफ्तार के धीमे पड़ने से अमेरिका का फेडरल रिजर्व सबसे ज्यादा राहत की सांस ले रहा होगा. ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका में भी कर्ज महंगा करने के सिलसिले पर फेड रिजर्व ब्रेक लगा सकता है.  


14 जून यानि कल बुधवार को फेडरल रिजर्व की बैठक है. अब ये उम्मीद जताई जा रही है कि उम्मीद से कम महंगाई दर के आंकड़े के बाद फेड रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाने पर ब्रेक लगा सकता है. मार्च 2022 के बाद से फेड रिजर्व लगातार ब्याज दरें बढ़ाता रहा है. फेड रिजर्व ने देश में मांग में कमी लाने और कर्ज को महंगा करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाता रहा है जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके, लेबर मार्केट पर चोट की जा सके. पिछले 10 बैठकों में लगातार फेड रिजर्व ने कर्ज महंगा किया है जिसके ब्याज दरें 5 फीसदी के पार जा पहुंची है.  


अमेरिका में निवेशकों का भी मत है कि इस बार फेड रिजर्व ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. फूड और फ्यूल की कीमतों में कमी के चलते मई में बीते साल के मुकाबले कोर प्राइसेज 5.3 फीसदी से दर से बढ़ी है जो अप्रैल 2023 के मुकाबले कम है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने का असर वहां के जॉब मार्केट पर पड़ा है जिससे महंगाई कम हुई है. इससे एक बात तय है कि फेड रिजर्व ने जिस मकसद के लिए कर्ज महंगा किया था उसे अपने उस मकसद को हासिल करने में सफलता मिली है. 


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