जून महीने में भारत के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार में सुस्ती दर्ज की गई है. महीने के दौरान औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के हिसाब से वृद्धि दर कम होकर 4 फीसदी से नीचे आ गई है. इससे एक महीने पहले यानी मई 2023 में आईआईपी ग्रोथ 5 फीसदी से ज्यादा रही थी.


एक महीने पहले का आंकड़ा


सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के द्वारा शुक्रवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में आईआईपी के आंकड़ों की जानकारी दी गई. आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 के महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 3.7 फीसदी की वृद्धि हुई. वहीं एक महीने पहले यह आंकड़ा 5.2 फीसदी पर रहा था. मई 2023 में आईआईपी ग्रोथ पिछले तीन महीने में सबसे ज्यादा रही थी.


साल भर पहले से काफी गिरावट


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, साल भर पहले यानी जून 2022 में फैक्ट्री आउटपुट में 12.6 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी. इस तरह देखें तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आधार पर मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन की बढ़ोतरी काफी सुस्त पड़ी है. साल भर पहले जो ग्रोथ रेट 12.5 फीसदी से भी ज्यादा थी, वो अभी महज 3.7 फीसदी पर आ गई है.


जून में प्रमुख सेक्टरों का हाल


एनएसओ ने बताया कि जून 2023 के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 3.1 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि खनन क्षेत्र में 7.6 फीसदी की तेजी रही है. इसी तरह पावर आउटपुट में 4.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.


जून महीने के दौरान प्राइमरी गुड्स, इंटरमीडिएट गुड्स, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल जैसे सेक्टरों में आउटपुट में मासिक आधार पर कमी आई. महीने के दौरान आईआईपी में आई गिरावट का मुख्य कारण माइनिंग और मैन्यूफैक्चरिंग के आउटपुट में तेजी से कमी आना रहा.


पहली तिमाही में इतनी गिरावट


पूरी पहली तिमाही के हिसाब से देखें तो अप्रैल से लेकर जून 2023 के दौरान आईआईपी में 4.5 फीसदी की तेजी आई है, जबकि यही ग्रोथ रेट ठीक साल भर पहले यानी अप्रैल-जून 2022 के दौरान 12.9 फीसदी रही थी.


अप्रैल में भी 5 फीसदी से कम थी ग्रोथ


भारत के औद्योगिक उत्पादन में पिछले कुछ महीने के दौरान कमोबेश नरमी ही देखने को मिल रही है. मई में आईआईपी ग्रोथ रेट भले ही 5 फीसदी के पार रही थी और 3 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन उससे पहले अप्रैल 2023 में भी आईआईपी की ग्रोथ 5 फीसदी से कम रही थी. चालू वित्त वर्ष के पहले महीने के दौरान देश का फैक्ट्री आउटपुट 4.2 फीसदी की दर से बढ़ा था.


अक्टूबर 2022 में रहा सबसे बुरा हाल


उससे पहले मार्च महीने के दौरान आईआईपी की ग्रोथ रेट 1.1 फीसदी तक कम हो गई थी, जो कि पांच महीने की सबसे सुस्त ग्रोथ रेट थी. हालांकि बाद में प्रारंभिक आंकड़े में कुछ बदलाव हुआ, लेकिन उसके बाद भी मार्च 2023 के लिए आईआईपी ग्रोथ रेट 1.7 फीसदी ही रही. अक्टूबर 2022 के दौरान फैक्ट्री आउटपुट का हाल सबसे खराब रहा था, जब उसमें 4.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.


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