Vegetable Oil Prices : खाने के तेल के दामों में पहले से ही आग लगी है और आने वाले दिनों में इसमें और भी उछाल आ सकती है. इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के फैसले के बाद भारत आने वाले 2,90,000 टन भारत आने वाला एडिबल ऑयल इंडोनेशिया के पोर्ट और ऑयल मिल में फंस गया है. इंडोनेशिया ने क्रूड पाम ऑयल और रिफाइंड पाम ऑयल पर बैन लगा दिया है जिससे भारत में वेजिटेबल ऑयल की कमी होने के आसार है.  दरअसल 28 अप्रैल 2022 से इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. जिसके चलते पाम ऑयल के दामों में तेजी उछाल की आशंका जताई जा रही है. इंडोनेशिया पाम ऑयल के सबसे बड़ा उत्पादक देशों में से एक है तो भारत दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल-खास तौर पर पाम तेल और सोया तेल के सबसे बड़े आयातक देशों में शामिल है. 


महंगे खाने के तेल से बढ़ी महंगाई
इंडोनेशिया के इस फैसले से भारत की चिंता बढ़ा दी है. भारत पहले से वैसे ही रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई बाधित से परेशान है अब इंडोनेशिया के इस फैसले ने मुसीबत बढ़ा दी है.  वहीं खुदरा महंगाई दर मार्च महीने में 6.95 फीसदी पर है यानि 7 फीसदी के करीब जा पहुंचा है. महंगाई बढ़ने की बड़ी वजहों में खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी भी शामिल है.  खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों की मानें तो खाद्य तेल और वसा की कीमतों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 27.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं जानकारों की मानें तो इंडोनेशियाई के पाम तेल एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध से कीमतों में 10 से 15 फीसदी तक की तेजी आ सकती है.  


कैनोला ऑयल पर इंपोर्ट ड्यू घटाने की मांग
महंगे खाने के तेल के ऑयल इंडस्ट्री भी परेशान है. यही वजह है कि इंडस्ट्री ने सरकार को कैनोला ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 38.5 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी करने की मांग की है. जिससे कैनोला तेल के आयात को शुरू किया जा सके. आपको बता दें रिफाइँड किया हुआ कैनोला ऑयल सनफ्लावर ऑयल के बदले में इस्तेमाल किया जा सकता है जिसकी रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सप्लाई बाधित हुई है. 


पाम ऑयल पर कृषि सेस भी हटे
इंडस्ट्री का मानना है कि कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए एडिबल ऑयल का सप्लाई बढ़ाया जाना जरुरी है. ये तभी संभव है जब इंपोर्ट ड्यूटी को कम किया जाये. इतना ही नहीं, आम लोगों को महंगे तेल से राहत दिलाने के लिए क्रूड पाम ऑयल पर 5 फीसदी कृषि सेस को शून्य किए जाने की भी मांग की गई है. 


भारत है सबसे बड़ा आयातक देश 
भारत एक महीने में लगभग एक मिलियन टन खाद्य तेल का आयात करता है और पिछले वर्ष 2021-22 में 1.5 मिलियन टन से घटकर 1.3 मिलियन टन के आयात रह गया फिर भी कीमतों में उछाल के चलते 2021-22 में खाने के तेल के आयात पर 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है जबकि उससे पहले साल में 82,123 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा था. 


सप्लाई में कमी से बढ़ सकती है कीमतों 
इंडोनेशियाई के इस फैसले से महंगाई बढ़ने की आशंका है. पाम ऑयल दुनिया में सबसे अधिक खपत होने वाला खाना पकाने का तेल है, जो वैश्विक खपत का 40 फीसदी है. इसके बाद सोया तेल की बारी आती है जिसकी खपत 32 फीसदी और उसके बाद सरसों (या कैनोला) की जिसकी खपत 15 फीसदी है. 


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