NSE MD: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष चौहान ने भरोसा जताया कि साल 2047 तक भारतीय स्टॉक मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 50 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता है. 20247 में देश की आजादी को 100 साल पूरे होंगे और उसी वर्ष भारत ये शानदार मुकाम हासिल कर सकता है. मौजूदा स्थिति में चार लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ भारत हॉन्गकॉन्ग को पीछे छोड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बना जो इसकी शानदार ग्रोथ को दिखा रहा है.


अगर एनएसई देश होता तो शेयर बाजार ही दुनिया का 20वां सबसे बड़ा देश होता!


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम को संबोधित करते हुए ये बात कही है. उन्होंने एक हैरान करने वाला आंकड़ा बताया कि "अगर एनएसई एक देश होता तो आज की तारीख में हम दुनिया का 20वां सबसे बड़ा देश होते."


बाजार में सीधा निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या 8.35 करोड़


आशीष चौहान ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में सीधे निवेश करने वाले निवेशकों की कुल संख्या 8.35 करोड़ हो गई है. इनमें एनएसई के बिजनेस मेंबर्स के नेशनवाइड नेटवर्क के जरिए शेयर बाजार में सीधे निवेश करने वाले लगभग 17 फीसदी परिवार शामिल हैं. उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों की परफॉरमेंस में बेहतरीन सुधार हुआ है और इसके पीछे बाजार संचालन के साथ भरोसा प्रमुख वजह है.


कॉरपोरेट गवर्नेंस की मजबूत भूमिका-NSE


NSE के प्रमुख ने कहा."देश के शेयर बाजार की सेहत को मजबूत करने और इसकी ग्रोथ को बढ़ाने में कॉरपोरेट गवर्नेंस ने बेहद बड़ा योगदान दिया है. कॉरपोरेट गवर्नेंस के बिना इस मार्केट के आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं है."


मार्केट कैप में भारत से आगे सिर्फ 4 देश


शेयर मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और हॉन्गकॉन्ग हैं. हॉन्गकॉन्ग का मार्केट कैपिटलाइजेशन मुख्य तौर पर वहां लिस्टेड चीनी कंपनियों की वजह से है.


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