Made In India: भारत सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया जैसे प्रयास शुरू किए गए. उनका असर अब भारत समेत पूरी दुनिया में दिखने लगा है. मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स ने अमेरिकी बाजार में धीरे-धीरे चीन में बने सामानों की जगह लेना शुरू कर दिया है. पूरी दुनिया में चीन के खिलाफ बने माहौल का असर वहां बने सामानों पर भी दिखाई देने लगा है. कई देशों ने चीन में मैन्युफेक्चरिंग, सोर्सिंग और सप्लाई चेन से दूरी बना ली है. अमेरिका और चीन के बीच लगभग पांच साल से जारी ट्रेड वार ने भारत जैसे देशों के लिए अवसर खोल दिए हैं.

  


चीन से इम्पोर्ट घटा, भारत से 44 फीसदी बढ़ा  


एक नए सर्वे के मुताबिक, 2018 से 2022 के बीच अमेरिका में चीन से आयात में 10 फीसद की कमी आई है. उधर, भारत से आयात 44 फीसद बढ़ा है. अमेरिका में नए ट्रेंड के चलते मेक्सिको और आसियान (Association of Southeast Asian Nations) देशों को भी काफी फायदा हुआ है. इसी अवधि में मेक्सिको से इम्पोर्ट 18 फीसद और आसियान के 10 देशों से 65 फीसद बढ़ा है. भारतीय मशीनरी का आयात 70 फीसद तक बढ़ गया है. ट्रेड वॉर के अलावा कोविड-19, प्राकृतिक आपदाओं और युक्रेन युद्ध ने भी भारत जैसे देशों को व्यापार बढ़ाने में बहुत मदद की है.   


वॉलमार्ट से मिल रही भारत को मदद 


अमेरिका में भारत की इस सफलता में यूएसए की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट का बड़ा योगदान है. कंपनी के पास बड़ी संख्या में उपभोक्ता हैं. वालमार्ट ने मेड इन इंडिया सामानों का आयात बढ़ाया है. और इन्हें अपने स्टोर्स में प्रमुखता से जगह दी है. कंपनी भारत से खाद्य पदार्थ, स्वास्थ्य एवं सौंदर्य उत्पाद, कपड़े, जूते, घर के सामान और खिलौने बड़ी मात्रा में इम्पोर्ट कर रही है. 


वॉलमार्ट के जरिए 14 देशों में पहुंचता है मेड इन इंडिया  


वॉलमार्ट हर साल भारत से लगभग 10 बिलियन डॉलर का सामान आयात करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अभी यह आंकड़ा 3 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाया है. गौरतलब है कि वॉलमार्ट ने जबसे फ्लिपकार्ट को खरीदा है, उसकी रुचि भारतीय बाजार में काफी बढ़ गई है. कंपनी के जरिए मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 14 देशों में पहुंचते हैं.


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