हालिया रैली से दुनिया भर में भारतीय बाजार का कद तेजी से बढ़ रहा है. अभी कुछ ही दिनों पहले दोनों प्रमुख भारतीय शेयर बाजारों बीएसई और एनएसई ने 4-4 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू वाले क्लब में एंट्री की है. इस रैली से वैश्विक बाजारों के सम्मिलित मार्केट कैप में भारतीय बाजार की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है और अभी रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है.


वैश्विक निवेशकों की पहली पसंद


ग्लोबल बैंकिंग फर्म एचएसबीसी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल मार्केट कैप में भारत की हिस्सेदारी अभी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है. भारत की हिस्सेदारी पहली बार जनवरी 2024 में 4 फीसदी के स्तर पर पहुंची है. भारत अब उभरते बाजारों में वैश्विक निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. इस मामले में भारत ने अब चीन को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है.


समतुल्य बाजारों को इस तरह दी मात


रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 12 महीने के दौरान भारतीय बाजार ने अपने वैश्विक समतुल्य बाजारों को बड़े अंतर से मात दी है. इस दौरान जहां ग्लोबल पीयर्स ने निवेशकों को निगेटिव रिटर्न दिया है, भारतीय बाजार ने जबरदस्त कमाई कराई है. पिछले एक साल के दौरान (साल 2023 में) एमएससीआई इंडिया इंडेक्स का रिटर्न 28 फीसदी रहा है, जबकि इसी दौरान उभरते बाजारों के एमएससीआई ईएम इंडेक्स में 5 फीसदी की गिरावट आई है.


अब दुनिया का चौथा बड़ा बाजार


इससे पहले नवंबर 2023 के अंत में बीएसई का मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकलने की जानकारी सामने आई थी. उसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह में एनएसई का एमकैप भी 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल गया था. भारतीय बाजार न सिर्फ 4-ट्रिलियन डॉलर क्लब का हिस्सा बनने में कामयाब हुए हैं, बल्कि अब तो हांगकांग को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार भी बन गया है.


इतना हुआ बफे इंडिकेटर


एचएसबीसी ने भारत के लिए इक्विटी स्ट्रेटजी के बारे में बात करते हुए कहा कि वैश्विक निवेशकों को जहां चीन को लेकर शंकाएं घेर रही हैं, वहीं भारत उनके लिए उचित विकल्प बनकर उभर रहा है. रैली के दम पर भारत का बफे इंडिकेटर 129 फीसदी पर पहुंच गया है. यह इंडिकेटर किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार की तुलना में उसके शेयर बाजार की वैल्यू का अनुपात बताता है. इसे दिग्गज इन्वेस्टर वारेन बफे के नाम पर बफेट इंडिकेटर कहा जाता है. इसका मतलब हुआ कि अभी भारतीय शेयर बाजार का साइज भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना में 129 फीसदी है.


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