Economic Growth: उद्योग मंडल फिक्की (Ficci) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजीव मेहता (Sanjiv Mehta) ने मंगलवार को कहा कि भारत को लंबी अवधि में आठ फीसदी से अधिक वृद्धि दर बनाए रखने के लिए कारोबारी सुगमता, टैक्स पॉलिसी में निरंतरता और पूंजी की कम लागत पर ध्यान देने की जरूरत है. मेहता ने लंबे समय तक उच्च आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहन देने वाले सतत प्रयासों की जरूरत पर भी बल दिया. 


तीन लाख डॉलर हो जाएगी अर्थव्यवस्था
आपको बता दें इसी महीने फिक्की के नए अध्यक्ष चुने गए मेहता ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत में भारतीय अर्थव्यवस्था तीन लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी. उन्होंने एक चर्चा में कहा, "हमें लंबी अवधि तक उच्च वृद्धि दर को बनाए रखने की जरूरत है. इस वित्त वर्ष में तो वृद्धि दर नौ फीसदी से भी अधिक रहने का अनुमान है लेकिन लगातार इसे आठ फीसदी से ऊपर बनाए रखना एक चुनौती होगी."


जानें आरबीआई का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2021-22 में इकोनॉमिक ग्रोथ के 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मेहता ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगातार बढ़ना अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन निजी निवेश अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है लिहाजा सरकार को अर्थव्यवस्था में ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत है.


पूंजी की लागत में करें कमी
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को उपलब्ध कराए जाने वाली पूंजी की लागत भी कम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्द्धी देशों की तुलना में भारत में ब्याज दर कहीं अधिक है. फिक्की अध्यक्ष ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के आर्थिक गतिविधियों पर संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसका प्रसार चिंता का विषय है और जल्द टीकाकरण से ही इसका मुकाबला किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को टीकाकरण अभियान में तेजी लानी चाहिए.


पीएम मोदी ने कंपनी प्रमुख के साथ की मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को अन्य कंपनी प्रमुखों के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए मेहता ने कहा कि उन्होंने जैव-प्रौद्योगिकी, हरित प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी पर विशेष बल के साथ शोध एवं विकास तेज करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, "हमें दुनिया का अगुआ बनने के लिए शोध एवं विकास में उत्कृष्टता के केंद्र बनाने होंगे. इसके अलावा भारतीयों को ज्यादा पेटेंट आवेदन भी करने चाहिए."