भारतीय कंपनियों में शेयर बेचने की होड़ मची है. इस साल वे अपने शेयरों को बेच कर वे 30 से 35 अरब डॉलर जुटा सकती हैं. जेपी मॉर्गन के एक आंतरिक अनुमान के मुताबिक भले ही दुनिया भर इस वक्त कारोबारियों गतिविधियां धीमी हैं लेकिन भारतीय कंपनियां इस साल अब तक 22 अरब डॉलर जुटा चुकी हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो प्लेटफॉर्म इसका उदाहरण है, जिसमें अब तक दुनिया भर के 13 निवेशक पैसा लगा चुके हैं.


विश्लेषकों का कहना है कि कई सेक्टर ऐसे हैं, जिनमें कैश फ्लो की दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के पास शेयर बेचने के अलावा और कोई चारा नहीं है. रिलायंस के अलावा जिन अन्य कंपनियों ने शेयर बेच कर पूंजी जुटाई है उनमें कोटक महिंद्रा बैंक,एचडीएफसी एएमसी और भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.


आईसीआईसीआई बैंक से लेकर टाटा पावर तक पूंजी जुटाने को तैयार 


आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक 6 अरब डॉलर की पूंजी जुटाने वाली हैं. निवेशकों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में इन कंपनियों में अच्छी ग्रोथ देखने के मिलेगी. लिहाजा वे फायदे रहेंगे. इसलिए भी इन कंपनियों की शेयर सेलिंग को निवेशकों का अच्छा समर्थन मिलने की उम्मीद है. जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में अभी और तेजी आ सकती है. निवेशकों के लिए यह अच्छा वक्त है.


ग्लोबल लिक्विडिटी की अच्छी स्थिति की वजह से दुनिया के भर के शेयर बाजारों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे कंपनियों को लग रहा है कि ये पूंजी जुटाने का बढ़िया वक्त है.पिछले महीने टाटा पावर ने 2000 करोड़ रुपये के राइट इश्यू के लिए बैंकर नियुक्त किए थे. इसी तरह श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस भी 1500 करोड़ रुपये के राइट इश्यू जारी कर पूंजी जुटाने वाली है. आदित्य बिड़ला फैशन और रिटेल भी 995 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की तैयारी में है