Air Travel In India: एयरपोर्ट पर बढ़ती भीड़ इस बात का संकेत है कि देश के एविएशन इंडस्ट्री में जबरदस्त तेजी आई है. अब एविएशन सेक्टर की बॉडी इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री कोरोना पूर्व दौर में जा पहुंची है और दुनिया के सबसे बड़े एविएशन मार्केट में से एक ये होने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक  रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर के हिसाब से फरवरी 2023 में घरेलू ट्रैवल कोरोना पूर्व दौर के लेवल को छूने से महज 2.2 फीसदी पीछे रह गया. एविएशन इंडस्ट्री में रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर ( RPK) एयर ट्रांसपोर्ट की मांग के मापने का तरीका है. 


IATA के मुताबिक बढ़ते एयर ट्रैवल की मांग देश में बिजनेस एक्टिविटी में तेजी को दर्शाता है. एयर ट्रैवल के कोरोना पूर्व दौर के करीब पहुंचने का मतलब है कि कोरोना महमारी के चलते जो  रुकावटें पैदा हुई थी उससे भारतर रिकवर कर गया है. रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर के अलावा पैसेंजर लोड फैक्टर के जरिए भी घरेलू एविशन मार्केट को मापा जाता है. IATA के रिपोर्ट के मुताबिक पैसेंजर लोड फैक्टर के मामले में भारत अमेरिका, चीन और जापान जैसे देशों से भी आगे है. 


पैसेंजर लोड फैक्टर के मामले में भारत का घरेलू एविएशन मार्केट बीते चार महीनों से शानदार रहा है. नवंबर 2022 में 87.9 फीसदी, दिसंबर 88.9 फीसदी, जनवरी 2023 में 85.2 फीसदी और फऱवरी में 81.6 फीसदी पैसेंजर लोड फैक्टर रहा है. 


रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष 3.5 से 4 करोड़ लोग हर वर्ष हवाई यात्रा करते हैं. विश्व बैंक के मुताबिक कोरोना पूर्व भारत में 16.8 करोड़ हवाई यात्री थे जिसमें से कई कई बार यात्रा करने वाले यात्री थे. पर आने वाले दिनों में हवाई यात्रियों की संख्या में तेज उछाल की संभावना जताई जा रही है.


ICRA के मुताबिक भारत में पैसेजंर एयर ट्रैफिक 8 से 13 फीसदी के दर से बढ़ने की उम्मीद है. 2022-23 में पैसेंजर ट्रैफिक 13.60 करोड़ रहा है जो कोरोना पूर्व दौर 2019-20 के 14.15 करोड़ से कम है. 2021-22 में 8.52 करोड़ हवाई यात्रियों ने उड़ान भरा था.  2029-30 तक भारत में 35 करोड़ घरेलू हवाई यात्री 16 करोड़ अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के उड़ान भरने की संभावना जताई जा रही है. 


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