सेमीकंडक्टर के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को सफलता मिलने लगी है. कई विदेशी कंपनियों ने भारत के लिए बड़ी योजनाएं तैयार की हैं और आने वाले दिनों में वे मैन्यूफैक्चरिंग पर बड़ा निवेश करने वाली हैं. इससे भारत को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि दुनिया की फैक्ट्री के रूप में चीन की जगह लेने के प्रयासों को भी बल मिलेगा.


यहां से आईं अच्छी खबरें


भारत के लिए विनिर्माण के मोर्चे पर सप्ताह की शुरुआत दो गुड न्यूज के साथ हुई है. एक गुड न्यूज अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी लिमिटेड से मिली है, तो दूसरी अच्छी खबर ताईवान की कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग फर्म फॉक्सकॉन की ओर से आई है. माइक्रॉन आने वाले समय में भारत में कई सेमीकंडक्टर असेंबली और पैकेजिंग प्लांट लगाने वाली है. ये प्लांट प्रस्तावित फैब्रिकेशन यूनिट से अलग होंगे.


फॉक्सकॉन की ऐसी है योजना


वहीं फॉक्सकॉन ने भारत में अपना निवेश और कर्मचारियों की संख्या को डबल करने की तैयारी की है. इसकी जानकारी फॉक्सकॉन के इंडिया रिप्रजेंटेटिव वी ली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर एक लिंक्डइन पोस्ट में दी. उन्होंने रविवार को बताया कि उनकी कंपनी की योजना अगले एक साल में भारत में अपना निवेश डबल करने की है. साथ ही कंपनी अगले 12 महीनों में अपने वर्कफोर्स को भी डबल करेगी.


तमिलनाडु में चल रही है फैक्ट्री


फॉक्सकॉन दुनिया की सबसे बड़ी कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग फर्म और एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर है. अभी तक फॉक्सकॉन के लिए चीन मैन्यूफैक्चरिंग का हब रहा है, लेकिन अब ताईवानी कंपनी भारत पर फोकस कर रही है. कंपनी तमिलनाडु में पहले से ही एक आईफोन फैक्ट्री चला रही है, जिसमें करीब 40 हजार लोग काम कर रहे हैं.


चंद साल में चीन जैसा स्तर


फॉक्सकॉन कर्नाटक में प्लांट लगाने वाली है. कर्नाटक सरकार ने पिछले महीने बताया था कि कंपनी आईफोन और चिप बनाने के लिए राज्य में 600 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी और 2 प्लांट लगाएगी. फॉक्सकॉन की पैरेंट कंपनी होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप के चेयरमैन एवं सीईटो यंग लिउ ने पिछले महीने कहा था कि चीन को जो इकोसिस्टम बनाने में 30 साल लगे थे, भारत चंद सालों में उस स्तर को हासिल कर लेगा. उन्होंने भारत को मैन्यूफैक्चरिंग का फ्यूचर भी बताया था.


फॉक्सकॉन भारत में चिप मैन्यू्फैक्चरिंग यूनिट भी लगाने जा रही है. पहले कंपनी ने इसके लिए वेदांता के साथ पार्टनरशिप की थी और प्लांट के लिए गुजरात में जगह भी फाइनल हो गई थी, लेकिन बाद में दोनों कंपनियों ने अलग-अलग आगे बढ़ने का ऐलान किया. हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि फॉक्सकॉन ने अपना अलग पार्टनर खोज लिया है और उसने सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए सरकारी मदद पाने का आवेदन कर दिया है.


माइक्रॉन की ऐसी है योजना


माइक्रॉन की योजना की बात करें तो उसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी है. माइक्रॉन ने इस साल जुलाई में सेमिकॉन इंडिया 2023 कार्यक्रम के दौरान भारत में अपने पहने निवेश की जानकारी दी थी. कंपनी ने भारत में एक सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट लगाने के लिए 800 मिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था. कंपनी का यह प्लांट गुजरात के सानंद में लगने वाला है. मंत्री का कहना है कि पहले प्लांट की शुरुआत होने के बाद माइक्रॉन भारत में कई अन्य प्लांट भी लगाएगी.


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