India Unemployment: भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव प्रचार में जिस मुद्दे को जोरशोर से उठा रही हैं वो है- देश में बेरोजगारी की दर. चुनावों के ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन या इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन ने ग्लोबल रोजगार की स्थिति को लेकर एक डेटा जारी किया है. इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट के साथ मिलकर आईएलओ ने ये रिपोर्ट निकाली है जिसमें दावा किया गया है कि भारत में 83 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. आईएलओ ने भारत में बेरोजगारी की स्थिति को काफी गंभीर करार दिया है. 


सत्ताधारी बीजेपी नीत एनडीए के सामने कड़ी चुनौती 


चुनाव प्रचार के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न न्यूज टीवी चैनल को इंटरव्यू भी दे रहे हैं और इसमें अक्सर रोजगार को सवाल पूछे जा रहे हैं.  इन सवालों के जवाब में हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा है कि देश में औपचारिक के इतर अनौपचारिक रोजगार को लेकर बात भी की जानी चाहिए जिसमें बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हुआ है. मुद्रा लोन, ड्रोन दीदी योजना, विश्वकर्मा योजना आदि से लोगों के लिए रोजगार के गैर-पारंपरिक तरीके सामने आए हैं और इसका फायदा लिया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सत्ता में लौटने की स्थिति में एनडीए सरकार का 100 डेज एजेंडा इस बात का सूचक है कि नई प्लानिंग के जरिए काम के लिए युवाओं को भटकना नहीं पड़े, इसकी योजना तैयार कर ली गई है.


100 डेज एजेंडा में किस पर फोकस


राजमार्ग मंत्रालयः दो दशकों में 50 हजार किलोमीटर का एक्सप्रेसवे नेटवर्क बनाने के लिए लंबी अवधि की फंडिंग और इसके जरिए निर्माण कारीगरों को बड़ी संख्या में काम पर लगाने की योजना है.


रेलवे मंत्रालयः तीन मल्टी मॉडल इकोनॉमिक कॉरीडोर जिनके लिए कुल 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत पड़ेगी. इनके जरिए रेलवे में भी बड़ी संख्या में वर्कफोर्स की जरूरत पड़ेगी और उम्मीद है कि सरकार इस जरूरत को पूरा करने के लिए भर्तियां बढ़ाएगी.


वाणिज्य मंत्रालयः नई ई-कॉमर्स पॉलिसी लाने का विचार है और इसमें खास तौर पर रिटेल सेक्टर के लिए भारी संख्या में वर्कफोर्स की जरूरत होगी तो नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.


कोयला मंत्रालयः कोल गैसिफिकेशन प्रोजेक्ट्स के अलावा स्टील निर्माण के लिए कोकिंग कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी. नई कोयला खदानों के निर्माण का कार्य होगा जिसके लिए श्रम बल की जरूरत होगी.


श्रम मंत्रालयः नए लेबर कोड को लाने पर काम होगा जिसके बाद नौकरियों के नियमों, काम के घंटों और वर्किंग रूल्स की श्रृंखला लाई जाएगी जिससे नए अवसरों का समय आएगा.


नई नौकरियों के अवसर देंगे ये क्षेत्र


सेमी-कंडक्टर चिप बनाने की दिशा में काफी तेज गति से काम चल रहा है और इनसे भी कई जॉब ऑपरच्युनिटीज मिलने की उम्मीदें बन रही हैं. खासतौर से इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लाखों युवाओं को इन नए कारखानों-यूनिट्स में लगाया जाएगा. इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग, डिफेंस, ई-मोबिलिटी, एनर्जी ट्रांजिशन, इंफ्रास्ट्रक्चर के कई ऐसे क्षेत्र हैं जो नौकरियों के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खोल सकते हैं.


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