Gold Import Duty: भारत का वाणिज्य मंत्रालय सोने के इंपोर्ट पर टैक्स घटाने की योजना पर विचार कर रहा है. इसके जरिए सोने की अवैध तस्करी रोकने के प्रयास किए जाएंगे. इस मामले से जुड़े एक शख्स ने इस बात की जानकारी दी है. दरअसल वित्त मंत्रालय से सिफारिश की गई है कि सोने के इंपोर्ट पर ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया जाए और इस बात की जानकारी दो लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर दी है. सोने के इंपोर्ट पर ज्यादा ड्यूटी होने के चलते सोने को अवैध तरीके से लाने और सोने की तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं.


कब होगा एलान?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी इस बात पर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि ये फैसला बजट के दौरान घोषित किया जाएगा या बजट से पहले इसका एलान होगा. हालांकि वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता और वाणिज्य मंत्रालय के प्रतिनिधि ने फिलहाल इससे जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है.


वित्त मंत्री के सामने क्या है चुनौती?
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने की खपत वाला देश है और इसका ज्यादातर हिस्सा विदेशों से खरीदा जाता है, लिहाजा सोने के इंपोर्ट पर इस फैसले को लेने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने दुविधा हो गई है. दरअसल वित्त मंत्री के सामने चुनौती है कि एक तरफ तो उनको इंपोर्ट पर लगाम लगानी है जिससे वो ट्रेड डेफिसिट के बढ़ते आंकड़ों को घटा सकें. दूसरी तरफ उनके सामने सोने की तस्करी बढ़ने का मामला भी है जो सरकार का बेहद जरूरी राजस्व घटा रहा है. 


इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के बाद घटी थी सोने की खरीदारी
वित्त मंत्रालय ने जुलाई में सोने के इंपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ाई थी जिसके बाद देश में सोने की खरीदारी में बड़ी गिरावट देखी गई है. वहीं सोने की तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में सोने का आयात इसके पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 23 फीसदी गिरा है और इसका एक बड़ा कारण सोने के इंपोर्ट पर बढ़ी हुई ड्यूटी भी है.


जानें सोने पर जानकार की राय
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के वीपी-हेड कमोडिटी रविंद्र राव का कहना है कि सोने के दाम कल के 1778 डॉलर प्रति औंस से हल्के ऊपर उठे हैं पर इसमें पिछले हफ्ते जितनी तेज रफ्तार अभी नहीं देखी गई है. सोने ने थोड़ी तेजी खोई है क्योंकि डॉलर के दाम चढ़ रहे हैं और बॉन्ड यील्ड में भी सुधार देखा जा रहा है. अमेरिकी डॉलर 5 महीने के निचले स्तर से उछलकर ऊपर आया है क्योंकि वहां फैक्ट्री आउटपुट का डेटा तेजी के साथ दिखा है और सर्विस पीएमआई में भी सुधार दिखा है. 


ऐसी स्थिति में फेडरल रिजर्व के सामने ब्याज दरों को बढ़ाने का रास्ता और अधिक खुला है जो कि नॉन बॉन्ड यील्ड वाले सेगमेंट जैसे बुलियन के लिए अच्छा नहीं है. वहीं कीमतों की बात करें तो कॉमैक्स गोल्ड 252 डीएमए से ऊपर टिक नहीं पा रहा है और इसे 1804 डॉलर के ऊपर रेसिस्टेंस देखने को मिल रहा है. वहीं अब इसमें अगला पड़ाव 1825 डॉलर के रेट पर देखा जाएगा. लिहाजा हमारा मत है कि सोने में रेंजबाउंड कारोबार होगा और 1773-1820 डॉलर के बीच की रेंज में कारोबार होगा.