Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़े के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 10 वें सप्ताह में पहली बार अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. आपको बता दे कि सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर पर आ गया था. मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था.


RBI के प्रयास हुआ सुधार 
स्थानीय मुद्रा रुपया को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उठाने के लिए RBI ने कई प्रयास किये है. मार्च के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर से तेजी से कम हो गया है. जोकि पिछले साल 3 सितंबर को 642.45 अरब डॉलर से 109.58 अरब डॉलर रहा. 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2020 के बाद से अपने न्यूनतम स्तर पर गिरकर 532.66 अरब डॉलर रहा था. साथ ही इसी सप्ताह विदेशी मुद्रा संपत्ति 1.31 अरब डॉलर घटकर 471.50 अरब डॉलर रह गई है. सोने का भंडार 1.35 अरब डॉलर बढ़कर 38.96 अरब डॉलर हो गया है. वही 14 अक्टूबर 2022 को ग्रीनबैक के मुकाबले 82.43 के निचले स्तर पर पहुंच गया और आज 82.32 पर बंद हुआ है.


गिरावट की क्या रही वजह 
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे एक मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में आना रहा, जो 30 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में 472.81 अरब डॉलर रहा है. इसके पिछले हफ्ते में FCA 477.21 अरब डॉलर रहा था. इसके अलावा गोल्ड एसेट्स 30 सितंबर को समाप्त हुए हफ्ते में घटकर 37.61 अरब डॉलर रहा, जो इसके पिछले हफ्ते 37.89 अरब डॉलर रहा है.


RBI ने क्या कहा 
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि RBI बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार बाजार में अनिश्चितता के बावजूद मजबूत बना हुआ है. उन्होंने कहा कि आरबीआई मौजूदा परिस्थितियों के निरंतर मूल्यांकन के आधार पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर रहा है. दास ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू हुए इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भंडार में लगभग 67 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई. गवर्नर ने कहा कि 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन (BOP) के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई है.


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