Russia Oil Import: भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात कर रहा है, जिस कारण मई के दौरान भारत में रुसी तेल का आयात करीब 1.95 मिलियन बैरल प्रति दिन के रिकाॅर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुका है. वहीं इराक और सऊदी अरब से खरीद कम हो गई. इसके अलावा, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक है. भारत अपना 80 फीसदी से ज्यादा तेल विदेशी बाजारों से खरीदता है. 


यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण तेल रिफाइनर रूसी तेल पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मई में भारत के कच्चे तेल के आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी थी, जिससे इराक से आयात तीन साल के निचले स्तर पर और सऊदी अरब से सितंबर 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया. 


कितना घटा इराक और सऊदी से तेल की आपूर्ति 


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने मई में 801400 बीपीडी इराकी तेल का आयात किया, जो अप्रैल से करीब 13.7 प्रतिशत कम है. वहीं सऊदी से आपूर्ति 15 फीसदी गिरकर 616,100 बीपीडी हो चुकी है. आंकड़ों पर गौर करें तो भारत का समग्र मई तेल आयात अप्रैल से मामूली रूप से बढ़कर 4.8 मिलियन बीपीडी हो गया. आगे भी रूस से तेल का आयात ज्यादा रहने की उम्मीद है. ऐसा इस कारण क्योंकि इसकी पहुंच लागत अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. 


रॉयटर्स के अनुसार, रियायती रूसी तेल की अधिक खरीद के कारण मध्य पूर्व से आयात का हिस्सा अप्रैल में 44 फीसदी से घटकर मई के दौरान 39 फीसदी पर आ चुका है. मई में भारत के तेल आयात में ओपेक की हिस्सेदारी 42.6 प्रतिशत के रिकाॅर्ड निचले स्तर पर आ गई है और इसका इस वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में यह औसतन 44.3 प्रतिशत रही है. 


मई में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का उत्पादन 


पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के अनुसार, भारत ने मई 2023 में कुल 2.5 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का उत्पादन किया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 2.6 एमएमटी था. वहीं पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मई 2023 और अप्रैल-मई 2023 के दौरान कच्चे तेल का आयात क्रमशः 22 प्रतिशत बढ़ा 3.1 फीसदी कम हुआ है. 


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