India Market: भारतीय शेयर बाजार के लिए आज फिर खुशी का दिन है और एक बार फिर बड़ा मुकाम देश के स्टॉक मार्केट ने हासिल कर लिया है. भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बन गया है. ग्लोबल स्टॉक मार्केट की रैंकिंग में भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़कर ये स्थान हासिल किया है. जनवरी में फ्रांस ने भारत को छठे स्थान पर पीछे छोड़ दिया था और पांचवें स्थान पर कब्जा कर लिया था. 


जनवरी में भारत को फ्रांस ने छोड़ा था पीछे


दरअसल जनवरी 2023 में अडानी शेयरों की जबरदस्त गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार के मार्केट कैपिटलाइजेशन में जोरदार गिरावट आई थी जिसके बाद भारतीय बाजार फ्रांस से पीछे हो गए थे. पर हाल में देखी गई अडानी शेयरों की रिकवरी से इंडियन स्टॉक मार्केट ने अपने खोया रुतबा हासिल कर लिया है और फिर से दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट हो गया है.


भारत के शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.3 खरब डॉलर पर आया


बीते शुक्रवार को भारत के शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.3 खरब डॉलर पर आ गया. इसके पीछे अडानी शेयरों में आई जोरदार तेजी और विदेशी फंड्स की जबरदस्त खरीदारी का हाथ रहा. वहीं पांचवे स्थान के बाजार फ्रांस ने बीते हफ्ते अपनी मार्केट वैल्यू में से 100 अरब डॉलर से ज्यादा गंवाए. इसके पीछे वजह ये रही कि फ्रांसीसी बाजार में लग्जरी गुड्स निर्माता LVMH से जुड़े शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. ये मुख्य रूप से अमेरिका और चीन में आर्थिक मंदी की आशंका के चलते देखी गई और इसका असर फ्रांस के शेयर बाजार पर भी देखा गया.


चीन में लड़खड़ाते आर्थिक सुधारों से भारत को फायदा हुआ


चीन में लड़खड़ाते आर्थिक सुधारों से भारत को फायदा हो रहा है. इसके आधार पर विदेशी फंडों को एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से भारतीय शेयरों में पैसा लगाते हुए देखा जा रहा है. विदेशी निवेशकों ने अप्रैल की शुरुआत से भारत के शेयरों में 5.7 बिलियन डॉलर जोड़े हैं जो यहां के स्टॉक मार्केट के लिए बड़ा कोष साबित हो रहा है. भारत ने हाल में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच उच्चतम जीडीपी विकास दर के मिलने से मदद हासिल की है और यहां स्थिर आय वृद्धि का माहौल विदेशी निवेशकों के साथ घरेलू निवेशकों को भी पैसा लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है.


सेंसेक्स ने दिखाई 9 फीसदी की रिकवरी


एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स ने मार्च के मध्य में गोता लगाने के बाद रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद होने के बाद 9 फीसदी से अधिक की वापसी दिखाई है. अडानी समूह के भाग्य में एक पलटाव ने मार्केट की तेज गति को और बढ़ा दिया जब एक अदालत द्वारा नियुक्त पैनल ने कहा कि उसे स्टॉक की कीमत में हेरफेर का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला, जैसा कि यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था. 


अडानी कंपनियों के शानदार प्रदर्शन से मिली सहायता


अडानी की 10 लिस्टेड फर्मों ने पिछले हफ्ते अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगभग 15 बिलियन डॉलर जोड़े हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उनका घाटा पहले के 153 बिलियन डॉलर के उच्च स्तर से 105 बिलियन डॉलर तक कम हो सकता है. 


ये भी पढ़ें


वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मोदी सरकार के 9 साल का रिपोर्ट कार्ड किया पेश, जानें क्या कहा